मधेपुरा : भगवान श्रीकृष्ण का यह जन्माष्टमी अद्भुत संयोग संजोये हुए है. वर्षों बाद ग्रहों के विशेष संयोग के साथ भगवान का जन्मोत्सव मनेगा. ऐसा योग 52 साल पहले 1958 में बना था. ज्योतिष कृष्ण सारस्वत कहते है इस बार श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पर्व 52 साल बाद अनूठा संयोग लेकर आ रहा है जब माह,
तिथि, वार और चंद्रमा की स्थिति वैसी ही बनी है, जैसी कृष्ण जन्म के समय थी. 24 अगस्त, बुधवार की रात्रि 10.13 बजे से अष्टमी तिथि का आगमन हो होगा. इस वजह से तिथि काल मानने वाले बुधवार को भी जन्मोत्सव मना सकते हैं लेकिन गुरुवार को उदया काल की तिथि में व्रत जन्मोत्सव मनाना शास्त्रसम्मत रहेगा. अष्टमी तिथि 25 अगस्त को रात्रि 8.13 बजे तक रहेगी. इससे पूरे समय अष्टमी तिथि का प्रभाव रहेगा.