मधेपुरा: जिले में धान अधिप्राप्ति शुरू हुए एक महीने से ऊपर हो गया है. प्रखंड के धान अधिप्राप्ति केंद्रों पर धान की खरीदगी से पहले धान में नमी को माप कर उसके अनुसार ही राशि दी जाती है. बिहार राज्य खाद्य निगम की ओर से खोले गये क्रय केंद्रों पर नमी मापक मशीन की व्यवस्था की गयी है. इस यंत्र से धान की नमी माप कर उसके अनुसार ही धान खरीदना है. लेकिन प्रभात खबर द्वारा कराये गये सर्वे में केवल एक जगह ही नमी मापक यंत्र सही अवस्था में मिला. बाकी जगह यंत्र खराब ही मिले.
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कैसे होगी नमी की जांच,मशीन हैं खराब
मधेपुरा: जिले में धान अधिप्राप्ति शुरू हुए एक महीने से ऊपर हो गया है. प्रखंड के धान अधिप्राप्ति केंद्रों पर धान की खरीदगी से पहले धान में नमी को माप कर उसके अनुसार ही राशि दी जाती है. बिहार राज्य खाद्य निगम की ओर से खोले गये क्रय केंद्रों पर नमी मापक मशीन की व्यवस्था […]
दांत से दाब कर नमी करते हैं पता
उदाकिशुनगंज क्रय केंद्र में दांत से धान काट कर नमी का अंदाज कर लिया जाता है़ पुरैनी कुरसंडी क्रय केंद्र पर धान की नमी की माप एग्जीक्यूटिव चंदन कुमार अपने ही अंदाज में करते हैं. उन्होंने बताया कि दांत से धान को दबा कर नमी की जांच करते है. मुरलीगंज में भी अंदाजा से ही धान की नमी मापी जा रही है. इसके अलावा शंकरपुर, घैलाढ़, ग्वालपाड़ा, आलमनगर, गम्हरिया, सिंहेश्वर आदि प्रखंडों में भी अंदाजा से ही धान की नमी मापी जा रही है.
किसान कहीं फायदे में तो कहीं नुकसान
धान खरीद में नमी के आधार पर प्रति क्विंटल कुछ किलोग्राम धान अधिक लिये जाने की अपील सरकार कर रही है. इस आधार पर कहीं क्विंटल पर दो से तीन किलो तो कहीं क्विंटल पर दस से बारह किलो अधिक धान लिया जा रहा है. इस चक्कर में जिस किसान के धान में नमी कम होती है, वैसे किसानों को घाटा हो रहा है. हालांकि सरकार को बेचने के लिए छोटे और मध्यम किसानों के पास धान नहीं है. इन्होंने अपने धान पहले ही बेच दिये हैं. अब धान केवल बड़े किसानों के पास ही है. शंकरपुर में प्रति क्विंटल पांच किलो अधिक धान लिया जा रहा है. आलमनगर में प्रति क्विंटल तीन से पांच किलो अधिक धान लिया जा रहा है. गम्हरिया में प्रति क्विंटल सात किलो अधिक धान लिया जा रहा है.
केवल बिहारीगंज में ठीक
पुरैनी के कुरसंडी में एसएफसी का धान क्रय केंद्र खोला गया है. इस क्रय केंद्र पर नमी मापने वाली मशीन खराब है. उदाकिशुनगंज में एसएफसी के कार्यपालक सहायक संजय कुमार सौरभ ने नमी मापक यंत्र खराब है. बिहारीगंज प्रखंड मुख्यालय में राजेश ट्रेडिंग मिल निजी मिल में एसएफसी का धान क्रय खोला गया है. यहां मशीन काम कर रही है, लेकिन किसानों ने शिकायत की कि उनसे पांच किलो धान लेने के बदले दस किलो धान लिया जा रहा है. आलमनगर में सहायक पवन कुमार ने बताया कि नमी मापक यंत्र खराब है. शंकरपुर में कार्यपालक सहायक चंदन कुमार ने बताया कि मशीन ठीक करने के लिए भेजी गयी है. गम्हरिया में बीएओ विजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि नमी मापक यंत्र खराब है. इसके बारे में वरीय पदाधिकारियों को सूचित किया गया है.
नयी नमी मात्रक मशीन का ऑडर दिया गया था, जो 31 दिसंबर तक आ जाना था. तकनीकी कारणों से मशीन अभी तक नहीं पहुंच पायी है. एक सप्ताह के अंदर मशीन आ जायेगी.
सुधीर कुमार, एसएफसी प्रबंधक मधेपुरा
किसानों से प्रति बैग तीन रुपये मजदूरी
शंकरपुर के किसान मदन प्रसाद यादव, राम कृपाल यादव, शिव नारायण यादव, प्रदीप कुमार, आदि किसानों ने बताया कि धान खरीद केंद्र के कार्यपालक सहायक चंदन कुमार धान मापी कराने के नाम पर किसान से प्रति बैग तीन रुपये मजदूरी लेते हैं. कार्यपालक सहायक ने बताया कि सरकार के तरफ से धान मापी कराने के लिए मजदूर को मात्र एक रुपये प्रति बैग दिये जाने का प्रावधान है, लेकिन मजदूर इस दर पर काम करने के लिए तैयार नहीं होते हैं इसलिए किसानों से तीन रुपये प्रति बैग लेकर मजदूरों को दिया जाता है.
क्रय केंद्र तक नहीं आ रहा पैक्स का धान
बिहारीगंज (मधेपुरा). प्रखंड में एसएफसी द्वारा एक मिलर के गोदाम को ही क्रय केंद्र बनाया गया है. इस धान अधिप्राप्ति केंद्र पर पैक्स अपना धान नहीं भेज रहे हैं. पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि धान क्रय केंद्र पर कार्यपालक सहायक सुनील कुमार मिलर के साथ मिल कर मनमानी कर रहे हैं. क्रय केंद्र पर मोटा धान लेने में आनाकानी की जा रही है. वहीं नमी के नाम पर पैक्स अध्यक्षों से नौ से दस किलो प्रति क्विंटल धान काटा जा रहा है. पैक्स अध्यक्ष का कहना है कि धान का वजन धर्मकांटा पर किया जाये.
डीएम ने भी दिया था निर्देश
विगत वर्ष 26 दिसंबर को डीएम गोपाल मीणा पुरैनी प्रखंड के इस धान क्रय केंद्र पर पहुंच कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया था. तब नमी जांचने वाली मशीन खराब थी. उन्होंने एसएफसी के प्रबंधक सुधीर कुमार एवं एग्जीक्यूटिव चंदन कुमार को फटकार लगायी था और जल्द से जल्द नमी जांच करने वाली मशीन को अविलंब ठीक कराने कहा था.
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