मधेपुरा : मधेपुरा जिले के आलमनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी. यहां पीएचसी परिसर में कूड़े के ढेर में फेंकी गयी बच्ची कूड़े के ढेर में लगायी गयी आग से झुलस कर मर गयी. बताया जाता है कि पीएचसी के परिसर में ही किसी ने कूड़े के ढेर में नवजात बच्ची को बोरी में बंद कर फेंक दिया था. हद तो यह है कि लापरवाह पीएचसी के कर्मियों ने शाम चार बजे के आसपास कचरे के ढेर को जलाने के लिए उसमें आग लगा दी. जब बच्ची के रोने की आवाज आयी, तब आशा ने कचरे के ढेर में रखी बोरी को खोल कर देखा, तो उसमें नवजात बच्ची थी जो, आग से झुलस चुकी थी.
इसके बाद बच्ची को उठा कर अस्पताल लाया गया, जहां उसका इलाज शुरू किया गया. लेकिन, देर शाम नन्हीं जान ने दम तोड़ दिया. आशा नीलम देवी ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में ही दक्षिण दिशा में कचरा जमा करने वाले गड्ढे में कचरे में लगे आग की बीच बोरी में कुछ हिलने की आहट हुई. इसके बाद बोरी को खोल कर देखा तो, तो उसमें एक बच्ची मिली. उसे तत्काल अस्पताल में लाकर इलाज शुरू किया गया.
चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बीके वर्मा ने बताया कि बच्ची की हालत चिंताजनक थी. दो तीन-घंटे तक उसका इलाज किया गया. लेकिन, उसे बचाया नहीं जा सका. उन्होंने बताया कि अस्पताल में गुरुवार व शुक्रवार की सुबह तक पांच डिलिवरी करायी गयी थी. जांच करने के बाद पता चला कि सभी बच्चे सुरक्षित अपनी मां के पास हैं. यह बच्चा कहीं बाहर से लाकर फेंका गया होगा. इस संबंध में जब सीएस डॉ शैलेंद्र कुमार से बात की गयी, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. संबंधित चिकित्सक से बात कर जो भी उचित कार्रवाई होगी की जायेगी.