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ठंडे बस्ते में गयी अवैध नर्सिंग होम व पैथोलॉजी पर कार्रवाई

मधेपुरा : प्रभात खबर में लगातार अभियान चलने के बाद डीएम के निर्देश पर जिले में अवैध नर्सिंग होम, पैथोलॉजी व क्लिनिक के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी थी. नवंबर माह के प्रथम सप्ताह में कार्रवाई का असर भी दिखने लगा. स्वास्थ्य विभाग ने जिले भर के 23 पैथोलॉजी संचालक को पत्र […]

मधेपुरा : प्रभात खबर में लगातार अभियान चलने के बाद डीएम के निर्देश पर जिले में अवैध नर्सिंग होम, पैथोलॉजी व क्लिनिक के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी थी. नवंबर माह के प्रथम सप्ताह में कार्रवाई का असर भी दिखने लगा. स्वास्थ्य विभाग ने जिले भर के 23 पैथोलॉजी संचालक को पत्र जारी कर अविलंब क्लिनिक बंद करने का निर्देश दिया.

साथ ही कहा कि क्लिनिक बंद नहीं करने पर प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. स्वास्थ्य विभाग के फरमान पर करीब एक दर्जन पैथोलॉजी संचालकों ने पैथोलॉजी को बंद करने की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी. स्वास्थ्य विभाग ने मानक को पूरा नहीं करने वाले पैथोलॉजी जांच घर व डायग्नोस्टिक सेंटर पर कार्रवाई करनी शुरू कर दी थी.

वहीं तीन-तीन मरीजों की मौत होने के बाद जिले के दो अवैध नर्सिंग होम को स्वास्थ्य विभाग ने सील करवा दिया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई यही तक सीमित होकर रह गयी. स्वास्थ्य महकमा ने जिले भर में अवैध नर्सिंग होम, पैथोलॉजी व क्लिनिक के खिलाफ कार्रवाई का फाइल पुन: ठंडे बस्ते में डाल दिया है. विभाग दो नर्सिंग होम के बाद अबतक न तो तीसरा नर्सिंग होम को सील कर पाया है और न ही अवैध रूप से संचालित पैथोलॉजी संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा सका है.

इससे कार्रवाई के प्रति स्वास्थ्य विभाग की शिथिलता स्पष्ट होती है, जबकि जिले भर में पांच सौ से अधिक अवैध नर्सिंग होम, पैथोलॉजी व क्लिनिक संचालित हो रही है. एमसीआइ के मानकों को यहां ठेंगा दिखाते हुए मरीजों का मानसिक व आर्थिक दोहन किया जाता है, लेकिन जिले में धड़ल्ले से खुल रहे अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ स्वास्थ्य कार्रवाई से पीछे हट गयी है.

एमसीआइ के मानक अनुसार एक भी नहीं. जिले में पांच सौ से अधिक अवैध नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी संचालित हो रहा है. केवल शहर में सौ से अधिक ऐसे नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी के बोर्ड व साइन बोर्ड लगे है जिस पर बड़े बड़े डॉक्टर के नाम लिखा हुआ है. मुख्यालय के अलावा विभिन्न प्रखंडों में इनकी संख्या पांच सौ से अधिक बतायी जा रही है,
जबकि हैरत करने वाली बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग से पूरे जिले में केवल 49 नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी का औपबंधिक पंजीयन हुआ है. डीएम की अध्यक्षता व सीएस के संयोजन में बैठक कर इनका पंजीयन किया गया था. इसमें 44 नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी की पंजीयन की समय सीमा समाप्त हो चुकी है. इस प्रकार जिले में केवल पांच नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी हैं जिन्हें वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग से औपबंधिक पंजीयन प्राप्त है, जबकि स्वास्थ्य विभाग ने छह माह के भीतर एमसीआइ के मानक अनुसार संसाधन व सुविधा को पूरा करने का निर्देश दिया है.
डीएम के निर्देश का भी नहीं हो रहा पालन
ज्ञात हो कि प्रभात खबर में लगातार प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए डीएम मो सोहैल ने जिले में फर्जी डॉक्टरों के भरोसे अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी के खिलाफ 48 घंटे में कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. उसकी समय सीमा समाप्त हो गयी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई न के बराबर दिख रही है. हालांकि डीएम के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई शुरू करते हुए अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी पर कार्रवाई शुरू कर दी.
इस कड़ी में स्वास्थ्य विभाग ने पैथोलॉजी जांच घर व डायग्नोस्टिक सेंटर को सील करते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी. स्वास्थ्य विभाग ने भीरखी में अवैध रूप से संचालित जय भवानी नर्सिंग को सील करते हुए पुरैनी स्थित एक अवैध नर्सिंग होम कर दिया. इसके अलावा शहर के एक दर्जन पैथोलॉजी ने स्वेच्छा से अपनी दुकान बंद कर ली. इसके बाद की कार्रवाई ढाक के तीन पात वाली हो गयी है.

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