21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बाढ़पीड़ितों को मिलेगी सहायता राशि : डीएम

निर्देश. बाढ़ प्रभावितों के मामले में राजनीति के तहत जाम व विधि व्यवस्था बिगाड़ने वाले पर होगी कार्रवाई डीएम ने कहा अगर परेशानी है सूचना दें, एक घंटे के भीतर होगी कार्रवाई जल क्रीड़ा में मौत होने पर होगी समीक्षा, नहीं मिलेगा सरकारी अनुदान जल क्रीड़ा पर बाढ़ के दौरान लागू है धारा 144, लापरवाही […]

निर्देश. बाढ़ प्रभावितों के मामले में राजनीति के तहत जाम व विधि व्यवस्था बिगाड़ने वाले पर होगी कार्रवाई

डीएम ने कहा अगर परेशानी है सूचना दें, एक घंटे के भीतर होगी कार्रवाई

जल क्रीड़ा में मौत होने पर होगी समीक्षा, नहीं मिलेगा सरकारी अनुदान

जल क्रीड़ा पर बाढ़ के दौरान लागू है धारा 144, लापरवाही बरतने पर अभिभावक पर होगी कार्रवाई

मधेपुरा : जिले में पानी में डूबने से मौत के मामले में समीक्षा कर के ही सरकारी अनुदान प्रदान किया जायेगा, जो मौत बाढ़ में दुर्घटनावश होगी, उन्हें सरकारी अनुदान मिलेगा, जबकि जल क्रीड़ा के क्रम में मौत के मामले में अनुदान नहीं दिया जायेगा. सभी बाढ़ पीड़ितों के बगैर किसी भेदभाव के सहायता राशि प्रदान किया जायेगा. इस बाबत सेटेलाइट डाटा उपलब्ध है. बाढ़ का पानी कम होते ही उनके आवेदन के साथ खाता नंबर व आधार कार्ड लेकर सीधे खाते में राशि हस्तांतरित कर दी जायेगी. डीएम मो सोहैल ने सोमवार को समाहरणालय के सभाकक्ष में आयोजित प्रेसवार्ता में ये बातें कही. डीएम ने कहा बाढ़ को लेकर राजनीति नहीं करें.

अगर कहीं कमी दिखती है, राहत की जरूरत है, तो सीधा जिला प्रशासन को सूचना दें, उन्हें फोन करें. कार्रवाई होगी, लेकिन राजनीति के तहत रोड जाम करने या उपद्रव करने पर सीधे अगुवाई करने वालों पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जायेगा. विधि व्यवस्था से खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. डीएम ने कहा राहत कार्य को पंचायत स्तर पर विकेंद्रिकृत किया गया है. मुखिया, पूर्व मुखिया, वार्ड सदस्य समेत तमाम पंचायत प्रतिनिधि को इससे जोड़ा गया है. ताकि राहत शिविर बेहतर तरीके से चल सके. राहत शिविर में रहने वाले लोगों को भोजन के साथ-साथ हर इलाके में पशुचारा की उपलब्धता करायी गयी है.

सेटेलाइट रिपोर्ट से मिलान कर तैयार है पीड़ित की सूची. डीएम ने कहा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का सेटेलाइट डाटा व स्थल का मिलान कर बाढ़ पीड़ितों की सूची को अंतिम रूप दिया जा रहा है. एक भी पीड़ित नहीं छूटेगा. सरकार के कोष पर आपदा पीड़ितों का पूर्ण अधिकार है. सबको सहायता राशि उपलब्ध करायी जायेगी. जैसे ही जल स्तर में कमी आयेगी. पीड़ित परिवार के सूची के अनुसार आवेदन, राशन कार्ड, खाता नंबर, आधार नंबर लेते हुए बैंक के माध्यम से राशि हस्तांतरित करवा दी जायेगी. इस बाबत अभी से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

आठ नाव व 45 सौ पॉलिथिन सीट्स भेजा बाढ़ ग्रस्त इलाके में. बाढ़ ग्रस्त इलाके में अब तक 104 सरकारी नाव का परिचालन किया जा रहा था. सोमवार को आठ नये नाव खरीदकर बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में भेजा गया. इसके साथ ही सरकारी नाव की भी संख्या बढ़कर 112 हो गयी है, जबकि कोलकाता से मंगवाकर 45 सौ पॉलिथिन सीट्स भी प्रभावित आबादी को भेजा गया.

डीएम ने समाहरणालय परिसर से विभिन्न बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के लिए आठ नये नाव सोमवार को रवाना किया गया. वहीं कोलकता से दो ट्रकों में लाद कर लाये गये 45 सौ पॉलिथिन सीट्स भी भेजे गये.

डीएम ने निर्देश दिया कि जिन इलाकों में बाढ़ का पानी कम हो गया है वहां तुरंत राहत कैंप बंद न करें. एक दो दिन कैंप चलाकर धीरे धीरे बंद किया जाय. राहत कैंपों की संख्या बढकर 30 हो गयी है. जिनमें 17 हजार 365 लोग रह रहे है.

पीड़ितों के बीच राहत वितरित : ग्वालपाड़ा. प्रखंड अभी भी पूर्णतः बाढ़ की चपेट में है. हजारों बाढ़ पीड़ित आशियाने को छोड़ खुले में समय गुजारने को विवश है. सरकारी व्यवस्था के तहत बाढ़ राहत दिया जा रहा है, लेकिन वो नाकाफी साबित हो रहा है. बाढ़ पीड़ित की मदद के लिए ग्वालपाड़ा प्रखंड के जनप्रतिनिधियों द्वारा राहत सामग्री वितरित किया जा रहा है. प्रमुख सरिता कुमारी व संतोष कुमार ने सुखासन पंचायत के सभी वार्ड के बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री बांटी.

रखें पैनी नजर, जल क्रीड़ा में मौत की हो अलग से रिपोर्टिंग

सभी एसडीओ, सीओ व थानाध्यक्ष को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में बाढ़ में डूबने के मामलों पर पैनी नजर रखेंगे. मौत की वजह दुर्घटनावश पानी में गिर जाना या चले जाना है या जल क्रीड़ा के दौरान तेज लहर में फंसकर बह जाना है. यह स्पष्ट रिपोर्ट करेंगे. इस रिपोर्ट के आधार पर मामले की समीक्षा की जायेगी. डीएम ने कहा जीवन अनमोल है. इस सारी कवायद व सख्ती एक मात्र उद्देश्य लोगों के जीवन की रक्षा है. लापरवाही व स्वेच्छाचारी आचरण से किसी की मौत न हो इसी कारण धारा 144 लगाया गया है. अगर समीक्षा में यह बात सामने आती है, तो जल क्रीड़ा करने में मौत हुई है तो उनको मिलने वाले सरकारी अनुदान पर भी विचार नहीं किया जायेगा.

जल क्रीड़ा करने में हुई है मौत, समीक्षा में स्पष्ट

13 प्रखंडों में से 10 प्रखंड बाढ़ की पानी से घिरा हुआ है. जिला में 13 अगस्त से लेकर अबतक 15 लोगों की मौत हो चुकी है. मौत समीक्षा रिपोर्ट की समीक्षा करने पर पाया गया कि बाढ़ की पानी में स्नान करने, स्नान के समय जल क्रीड़ा करने, पानी में कूदने-तैरने आदि के क्रम में डूबने से अधिकांश मौत हुई है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें