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टीले पर बालक को मिला था शिवलिंग
प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जा रहा है अशोकधाम महोत्सव लखीसराय : शहर से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित रजौना चौकी गांव के टीले पर सात अप्रैल 1977 को अद्भुत अद्वितीय ज्योतिर्मय शिवलिंग का बाल क्रीड़ा के दौरान धरती के गर्भ से पदार्पण हुआ था. बालक अशोक के हाथों पदार्पण के कारण अशोक धाम […]
प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जा रहा है अशोकधाम महोत्सव
लखीसराय : शहर से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित रजौना चौकी गांव के टीले पर सात अप्रैल 1977 को अद्भुत अद्वितीय ज्योतिर्मय शिवलिंग का बाल क्रीड़ा के दौरान धरती के गर्भ से पदार्पण हुआ था. बालक अशोक के हाथों पदार्पण के कारण अशोक धाम के नाम से सुशोभित किया गया. 1977 से 2002 तक फूस की झोंपड़ी में स्थापित शिवलिंग आज भव्य मंदिर में विराजमान पूरे प्रांत के लोगों के लिए आस्था का केंद्र बन बैठा है.
श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट की देखरेख में प्रतिवर्ष अशोक धाम महोत्सव आयोजित किया जा रहा है. इस वर्ष महोत्सव के दौरान 11 अप्रैल से 21 अप्रैल तक 11 दिवसीय महारुद्र यज्ञ का आयोजन होने जा रहा है. इसके लिए 19 जनवरी 2017 को मंदिर परिसर के समीप ट्रस्ट के पदेन अध्यक्ष डीएम सुनील कुमार, स्थानीय भाजपा विधायक विजय कुमार सिन्हा, सचिव डॉ श्याम सुंदर प्रसाद सिंह, डॉ प्रवीण कुमार सिन्हा आदि द्वारा विद्वान पंडितों के वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ ध्वजारोहण कार्य कर युद्ध स्तर पर तैयारी प्रारंभ कर दी गयी है.
श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट अशोकधाम के सचिव डॉ श्याम सुंदर प्रसाद के अनुसार अशोक धाम का विशालकाय शिवलिंग गणेश चतुर्थी वैशाख कृष्ण पक्ष संवत 2334 तदनुसार सात अप्रैल 1977 को पुर्न प्रकटीकरण हुआ था. पुर्नप्रकटीकरण के 41 वें वर्ष के पावन मौके पर महारुद्र यज्ञ के दौरान धार्मिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त विद्वान पंडितों के प्रवचन की रसधारा बहेगी. ट्रस्ट द्वारा देवनगरी के झारखंड प्रांत में चले जाने पर बिहार का देवघर के रूप में अशोकधाम को मान्यता दिलाये जाने का हर संभव प्रयास जारी है. इसके सार्थक परिणाम भी परीलक्षित हो रहा है. शिव पूजा के पवित्र श्रावणी माह में ही नहीं प्राय: सभी धार्मिक अवसरों पर बहुतायत की संख्या में यहां श्रद्धालु भक्तजनों का आना जारी है. ट्रस्ट द्वारा पेयजल, रोशनी, शौचालय, संस्कार भवन का निर्माण करा भक्तजनों के हर सुख सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है.
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