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पूजा,पिकनिक व डीजे से हुआ आगाज
नया साल 2016 के पहले दिन शुक्रवार को सभी जगहों पर लोग उमंगों से लवरेज दिखे. आंखों में नये सपने व मन में गगन को छू लेने के संकल्प के साथ लोगों ने महाकवि हरिवंश राय बच्चन की यह पंक्ति आओ नूतन वर्ष मना लें. एक और युग बीत रहा, आओ इस पर हर्ष मना […]
नया साल 2016 के पहले दिन शुक्रवार को सभी जगहों पर लोग उमंगों से लवरेज दिखे. आंखों में नये सपने व मन में गगन को छू लेने के संकल्प के साथ लोगों ने महाकवि हरिवंश राय बच्चन की यह पंक्ति आओ नूतन वर्ष मना लें. एक और युग बीत रहा, आओ इस पर हर्ष मना लें… से प्रेरित होकर नूतन वर्ष 2016 के आगमन का जश्न मनाया.
लखीसराय : जिले में सुबह घना कोहरा के बावजूद लोगों के उत्साह में कमी नहीं दिखी. लोग नया साल के पहले दिन खिली धूप के लिये तरसते रहे. बावजूद इसके शहर के एक मात्र पिकनिक स्पॉट लाली पहाड़ी सहित लखीसराय की पहचान बन चुका प्रसिद्ध अशोक धाम,बड़हिया के प्रसिद्ध मां त्रिपुर बाला सुंदरी मंदिर, सूर्यगढ़ा प्रखंड के रामायण कालीन महत्व वाले श्रृंगी ऋर्षि धाम, कजरा के समीप गरम पानी का कुंड टाली झरना, इसी प्रखंड के पीरीबाजार क्षेत्र में स्थित लक्ष्मण कुंड, बड़हिया के टाल एवं दियारा इलाकों में सुबह से ही लोग पिकनिक के लिये जुटने लगे.
खासकर शहर के वार्ड नं 32 व 33 के बीच स्थित लाली पहाड़ी पर लोगों की काफी भीड़ रही. युवाओं की टोली जगह-जगह नव वर्ष के जश्न में डूबे नजर आये. जगह-जगह बच्चे ग्रुप बनाकर पिकनिक का आनंद ले रहे थे. उद्यान व सड़क पर भी युवाओं की टोली डीजे पर तरह-तरह के आइटम सांग बजाकर डांस कर रहे थे. लाली पहाड़ी पर चाट-पकौड़े, गोलगप्पे की दुकानें सजायी गयी थी.
गुरुवार शाम से ही नये साल के वेलकम की थी प्रतिक्षा
नये साल के जश्न की तैयारी लोगों ने गुरुवार को ही पूरी कर ली थी. देर शाम आठ बजे तक लोग अपना दैनिक कामकाज निबटाकर नये साल के जश्न में रम जाना चाहते थे व वह था एक-दूसरे को हैप्पी न्यू इयर कहने के इंतजार का समय. रात में घड़ी की सूई जैसे ही 12 पर पहुंची, शहर जश्न में डूब गया. लोगों ने आतिशबाजी कर नये साल का स्वागत किया. एक-दूसरे को नये साल की शुभकामना दी.
शुक्रवार को सारा दिन चलता रहा शुभकामनाओं का दौर
नये साल की शुभकामनाओं का दौर गुरुवार की रात 12 बजे के बाद से ही शुरू हो गया व यह अगले दिन शुक्रवार को भी दिन भर चलता रहा. लोगों ने मोबाइल के अलावे व्हाट्स-अप व फेसबुक के माध्यम से अपने प्रियजनों व इष्ट मित्रों को नये साल की शुभकामना दी. इलाका हैप्पी न्यू इयर की शुभकामनाओं से गुंजता रहा.
पूजा-अर्चना से हुई पहले दिन की शुरुआत
अशोक धाम सहित विभिन्न मंदिरों में सुबह से ही पूजा के लिये श्रद्धालुओं की भीड़ बनी रही. बड़हिया के प्रसिद्ध मां त्रिपुर बाला सुंदरी मंदिर में भी सारा दिन श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा.
सूर्यगढ़ा में पर्वत श्रृंखलाओं की गोद में बसा श्रृंगी ऋषि धाम, सिंगारपुर के रामेश्वर धाम, नंदपुर के बुढ़ा नाथ मंदिर, कटेहर के गौरी शंकर धाम आदि जगहों पर नये साल के पहले दिन लोगों ने अपने दिनचर्या की शुरुआत पूजा-अर्चना से की. इन मंदिरों में तड़के से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. लोगों का मानना था कि सालके पहले दिन बगैर पूजा किये कोई कार्य नहीं शुरू करनी चाहिए. साल के प्रथम दिन पूजा करने से पूरा साल सही गुजरता है.
सड़कों पर कम चले वाहन
शुक्रवार को जहां पूरा इलाका नये साल के जश्न में डूबा रहा, वहीं सड़कों पर भी वाहनों का परिचालन सामान्य दिनों की तुलना में कम रही. शहर में लोगों को हर दिन लगने वाले जाम से राहत मिली.
कार्यलयों में दिखा नववर्ष का असर
नव वर्ष के पहले दिन शुक्रवार को हर्ष व उल्लास के वातावरण के बीच अधिकांश सरकारी कार्यालय में सूनापन छाया रहा. कार्यालयों में इक्के-दुक्के लोग ही नजर आये. कार्यालयों के कर्मी भी नव वर्ष सेंलिब्रेशन में किसी से पीछे नहीं नजर आ रहे थे. अधिकतर कर्मियों ने तो इसके लिये पहले से छुट्टी ले रखी थी. समाहरणालय में भी लोगों की आवाजाही नगण्य रही.
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