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21 अक्तूबर को होगी महाअष्टमी पूजा

21 अक्तूबर को होगी महाअष्टमी पूजा प्रतिनिधि, लखीसरायमहाअष्टमी पूजा को लेकर भक्तों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है. कुछ पंचांग के अनुसार मंगलवार को तो कुछ के अनुसार बुधवार को महाअष्टमी का उपवास रखा जायेगा. बहुसंख्यक बुधवार को महाअष्टमी के पक्ष में हैं.ऋषिकेश पंचांग ऋषिकेश पंचांग का हवाला देते हुए पंडित विनय बताते […]

21 अक्तूबर को होगी महाअष्टमी पूजा प्रतिनिधि, लखीसरायमहाअष्टमी पूजा को लेकर भक्तों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है. कुछ पंचांग के अनुसार मंगलवार को तो कुछ के अनुसार बुधवार को महाअष्टमी का उपवास रखा जायेगा. बहुसंख्यक बुधवार को महाअष्टमी के पक्ष में हैं.ऋषिकेश पंचांग ऋषिकेश पंचांग का हवाला देते हुए पंडित विनय बताते हैं कि 20 अक्तूबर (मंगलवार)को सप्तमी सुबह नौ बजकर 48 मिनट तक है. उसके बाद महाअष्टमी प्रवेश कर रहा है. मंगलवार की रात ही मां का निशा पूजन होगा. नवरात्र में रात्रि पूजन की प्रधानता है. जो तिथि रात्रि में भोग करता है वही मान्य तिथि होता है. इसलिए महाअष्टमी का उपवास मंगलवार को ही होगा. अष्टमी का पारण बुधवार को आठ बजकर 41 मिनट के पहले कर लें.काशी विश्व पंचांगकाशी विश्व पंचांग के आधार पर पंडित अजय ठाकुर बताते हैं कि महाअष्टमी 20 अक्तूबर (मंगलवार)को सुबह नौ बजकर 48 मिनट पर प्रारंभ हो रहा है. यह 21 अक्तूबर को सुबह आठ बजकर 41 मिनट तक रहेगी. उन्होंने बताया कि निर्णय सिंधु(धार्मिक पुस्तक)में भी महाअष्टमी का व्रत 21 अक्तूबर को रखे जाने की बात कही गयी है. श्री ठाकुर के मुताबिक सप्तमी मिला अष्टमी का व्रत नहीं रख जा सकता, नवमी मिला अष्टमी कर व्रत रखा जा सकता है. व्रती 22 अक्तूबर को सुबह सात बजकर 10 मिनट के पहले पारण कर लें क्योंकि 21 अक्तूबर को नवमी आठ बजकर 41 मिनट के बाद प्रारंभ हो जायेगा और 22 अक्तूबर को सुबह सात बजकर 10 मिनट तक रहेगा.बनारस पंचांगज्योतिषाचार्य उमाशंकर व्यास जी ने बनारस पंचांग के आधार पर बताया कि महाअष्टमी 20 अक्तूबर को सुबह नौ बजकर 18 मिनट से प्रारंभ होगा जो 21 अक्तूबर को सुबह आठ बजकर 12 मिनट तक रहेगा. महाअष्टमी का उपवास बुधवार को होगा. इस दौरान श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर सकते हैं. साथ ही व्रती गुरुवार को सुबह साढ़े छह बजे के पहले पारण कर सकते है. नवमी 21 अक्तूबर को सुबह आठ बजकर 13 मिनट से प्रारंभ होगा जो 22 अक्तूबर सुबह छह बजकर 42 मिनट तक रहेगा. सजने लगी खिलौने की दुकानें, होगा 40 लाख का कारोबारलखीसराय. दुर्गापूजा को लेकर खिलौना बाजार भी सजने लगा है. दशहरा मेले में शहर में खिलौने की सैकड़ों अस्थायी दुकानें सजती हैं. इस बार बाजार में इलेक्ट्रॉनिक खिलौना से लेकर फैंसी खिलौना तक की धूम है. चायनीज खिलौना का क्रेज बाजार में अभी भी बना हुआ है. बच्चों को रिमोट गाड़ी, सुपरमैन गाड़ी, कार्टून कैरेक्टर का खिलौना जैसे गणेश, छोटा भीम, छुटकी आदि पसंद आ रहा है. दयाहरा मेले में लगभग 40 लाख के खिलौना का कारोबार होने का अनुमान है. शहर में एक सौ से अधिक खिलौने की दुकानें दशहरा मेले में शहर में एक सौ से अधिक खिलौना की अस्थायी दुकानें सजती हैं. दर्जन भर खिलौना के कारोबारी हैं जो सीजन आने पर इसका कारोबार करते हैं. थोक व्यापारी एक पखवारा पूर्व से ही जिले भर के हाट बाजार में खिलौने की सप्लाई शुरू कर देते हैं. खुदरा व्यवसायी राकेश कुमार ने बताया कि चायनीज खिलौना सस्ता होने की बजह से अधिक बिकता है. यह रद्दी प्लास्टिक से बनता है. केवल इसमें बाहरी चमक -दमक होता है. एक अन्य खिलौना कारोबारी उमेश कुमार के मुताबिक देसी खिलौने की फीनिसिंग चायनीज खिलौने की तरह नहीं होता. बाजार में सभी रेंज में चायनीज खिलौना उपलब्ध है. इलेक्ट्रॉनिक खिलौना के अलावे किचन सेट व डॉक्टर सेट का भी क्रेजदूसरे खिलौना कारोबारी माणिकचंद डिबीया बाला ने बताया कि माध्यम वर्गीय परिवार के बच्चे इलेक्ट्राॅनिक खिलौना अधिक पसंद करते हैं. उच्च वर्ग व एलिट क्लास के बच्चों को किचन सेट व डाक्टर सेट खिलौना पसंद आ रहा है. बाजार में डिजाइनर रिमोट गाड़ियां, रॉबोट, बैट्री से चलनेवाली स्वचलित कार, टैंक, मोबाइल, लेजर गन, क्रेजी कार आदि उपलब्ध है. छोटी-बड़ी लड़कियां बॉबी डॉल, टैडी ट्वाय, जैसे बाघ, जबरा, कुत्ता, गणेशा, छोटा भीम आदि बच्चे पसंद कर रहे हैं.

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