लखीसराय: अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री का पद छोड़ कर बिहार के मुख्यमंत्री का पद संभालने को तैयार हों तो हम आगामी विधानसभा चुनाव में उनके साथ भी दो-दो हाथ करने को तैयार हैं. उक्त बातें सूबे के पथ निर्माण मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लखीसराय में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान कही. मंत्री […]
लखीसराय: अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री का पद छोड़ कर बिहार के मुख्यमंत्री का पद संभालने को तैयार हों तो हम आगामी विधानसभा चुनाव में उनके साथ भी दो-दो हाथ करने को तैयार हैं. उक्त बातें सूबे के पथ निर्माण मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लखीसराय में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान कही.
मंत्री श्री ललन शहर के नगर भवन में लखीसराय विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भाजपा के पास मुख्यमंत्री पद का कोई उम्मीदवार नहीं है. अगर हैं भी तो आधा दर्जन नेता सीएम बनने के लिए आपस में ही लड़ने के मूड में हैं. जबकि जदयू महागंठबंधन में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद के घोषित उम्मीदवार हैं.
मंत्री ने कहा कि आज नहीं तो कल नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री होंगे. इसमें कोई संदेह नहीं है. उन्होंने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि एनडीए गंठबंधन द्वारा लोकसभा चुनाव के पूर्व लोक लुभावने वायदे किये गये थे. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, विशेष पैकेज देने के आश्वासन के बावजूद आज तक कुछ नहीं मिला. लोकसभा चुनाव के पूर्व महाराष्ट्र, गुजरात आदि राज्यों में पढ़नेवाले बिहारी युवक काफी संख्या में भाजपा के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए अपने गांव आये. उन्हें उम्मीद थी कि केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद उन्हें नौक री मिलेगी, लेकिन केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने पहले भाषण में ही दो वर्षो तक सरकारी नौकरी में कोई बहाली नहीं होने की घोषणा की. 90 दिन में कालाधन देश में वापस लाने की बात कही गयी थी लेकिन आज तक 90 रुपया भी वापस नहीं आया. जन धन योजना चला कर लोगों के बैंक खाते में राशि देने का आश्वासन दिया गया. मंत्री ने कार्यकर्ताओं से पूछा कि जिले में किसी व्यक्ति के बैंक खाते में एक भी रुपया आया है क्या? उन्होंने कहा कि जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से पत्रकारों ने पूछा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा आदि मुद्दे पर आश्वासन के बावजूद अब तक अनदेखी क्यों हुई तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष क ा जवाब था कि यह तो चुनावी जुमला था.
कहा कि भाजपा ने समाज को बांटने का कार्य किया, जबकि नीतीश कुमार ने अपने दस साल मे बिहार को जोड़ने का कार्य किया है. पूर्व में भाजपा के सहयोग से ही यूपीए सरकार ने भूमि अधिग्रहण बिल को पास किया था, लेकिन स्वयं के सत्ता में आते ही भाजपा ने कॉरपोरेट घरानों के दबाव में आकर उक्त बिल में संशोधन करते हुए किसानों के हित की अनदेखी की व उक्त भूमि पर मॉल व कॉरपोरेट घराने का व्यापार खड़ा कर उन्हें फायदा पहुंचाने का कार्य किया.
सुशील मोदी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी जी को छपास की भयंकर बीमारी है. समाचार पत्रों की कटिंग से प्रेसवार्ता करते हैं. उन्होंने कार्यकर्ताओं को उत्साहित करते हुए कहा कि कभी मन गिराने की जरूरत नहीं है.
लोकसभा चुनाव में पार्टी कार्यकर्ता के सजग नहीं रहने से परिणाम विपरीत रहा. नीतीश कुमार ने चुनाव के बाद इस चूक को महसूस किया और आनेवाले समय में ऐसी चूक नहीं होने की प्रतिबद्धता दोहरायी. मंत्री ने लखीसराय व सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में महागंठबंधन के उम्मीदवार को विजयी बनाने के लिए कार्यकर्ताओं को सजग रहने व कमर कस लेने को क हा. सम्मेलन की अध्यक्षता जिला जदयू अध्यक्ष नीलम देवी व मंच का संचालन पूर्व अध्यक्ष रासपति पांडेय ने की. मौके पर राज्यसभा सदस्य गुलाम रसूल बालियावी, प्रदेश संगठन मंत्री सह लखीसराय प्रभारी असगर शमीम उपस्थित थे.