लखीसराय : इस जिला मुख्यालय में पुलिस लाइन व जिले के भवनहीन पांच थानों के लिए भवन निर्माण का कार्य अगले वर्ष पूरा हो जायेगा. पुलिस वाहनों और वाहन चालकों की कमी को भी पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके साथ ही हर नागरिक की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं. अपने कार्यालय कक्ष में यह जानकारी पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्र ने दी.
उन्होंने बताया कि चानन थाना के भवन निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. कजरा थाना के लिए भूमि चिह्न्ति की जा चुकी है. इसके भवन निर्माण के लिए राशि भी प्राप्त हो चुकी है. इन दो नक्सल प्रभावित थानों के अलावा नक्सल प्रभावित पीरीबाजार थाना के भवन निर्माण के लिए भी मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा जा चुका है.
जिले के टाल क्षेत्र अंतर्गत बीरूपुर में भी थाना भवन के लिए एक व्यक्ति द्वारा भूमि दान करने का प्रस्ताव मिला है. इसके अलावा रामगढ़ चौक थाना के भवन निर्माण का भी प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है. एसपी ने बताया कि नये वाहन भी उपलब्ध हो जायेंगे. उन्होंने बताया कि लखीसराय की महिला थाना व अनुसूचित जाति जनजाति थाना के लिए नये वाहन उपलब्ध हो चुके हैं.
मुख्यालय से सात वाहन चालकों की नियुक्ति किये जाने की मांग की है. भाड़े के मकान में चल रहे पुलिस लाइन के लिए अपना भवन बनाने के लिए नक्शा तैयार कराया जा रहा है. इसका निर्माण भी जल्द शुरू हो जायेगा. इन सबके बीच पूरे जिले में अमन चैन बनाये रखने तथा हर नागरिक को सुरक्षित जीवन का एहसास दिलाने के लिए वे प्रयत्नशील हैं.
संसाधनों की कमी के बावजूद वे इस कार्य को अपनी प्राथमिकता दे रहे हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि पुलिस बल के अलावा अधिकारियों का भी टोटा है. परंतु वे इसका असर आम जनजीवन की सुरक्षा पर नहीं पड़ने देंगे. उन्होंने बताया कि सात साल से कम की सजा के प्रावधान वाले 145 विशेष प्रतिवेदित कांडों में से 25 में नोटिस जारी की जा चुकी है. ये सभी बड़े मामले हैं.
वर्ष 2005 में सीआरपीसी में हुए संशोधन के बाद ऐसे मामलों में अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं करना है. इन्हें नोटिस तामील कराने के लिए थाना बुलाया जा रहा है. जहां उन्हें उनके विरुद्ध दायर मुकदमों की जानकारी देकर न्यायालय में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने की हिदायत दी जायेगी.
इस प्रक्रिया को अभी तक लखीसराय में लागू नहीं किया गया था. परंतु अब यहां भी इसे लागू कर दिया गया है. नन बैंकिंग तथा चिट फंड कंपनियों के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाली कंपनियों के विरुद्ध अभियान शुरू किया गया है. रामेल इंडस्ट्रीज लिमिटेड नामक एक कंपनी के स्थानीय शाखा प्रबंधक सहित चार लोगों को जेल भेजा गया है.
अनुमंडलाधिकारी व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ऐसी अन्य कपंनियों के स्थानीय दफ्तरों को भी खंगालेंगे तथा आर्थिक अपराध कर रही इन कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई करेंगे. उन्होंने आम लोगों से भी अपील की है कि वे किसी गैर सरकारी संस्था में निवेश से पहले यह जान लें कि यह भारतीय रिजर्व बैंक या स्थानीय जिलाधिकारी से अनुमति प्राप्त है या नहीं. सेबी द्वारा मान्यता प्राप्त होने पर ही निवेश करें.