लखीसराय: मैट्रिक परीक्षा को लेकर शहर में ट्रैफिक लोड काफी बढ़ गया है. खासकर परीक्षा अवधि में शहर की सड़कों पर मेला की स्थिति बनी हुई है. परीक्षा की वजह से सैकड़ों अतिरिक्त दो पहिया एवं चार पहिया वाहन सड़कों पर होने की वजह से सड़क हादसा की आशंका बनी रहती है. खासकर परीक्षा समाप्त होने के उपरांत जिस तरह ट्रैफिक नियमों को ताक पर रख कर वाहनों का परिचालन हो रहा है वह चिंता का विषय है. बाइक चालक नियमों की धज्जियां उड़ाने में सबसे आगे है. बिना हेलमेट के एक ही बाइक पर चार-चार लोग बैठ कर आवाजाही करते देखे जा रहे हैं.
यात्री वाहनों में भी क्षमता से दो या ढ़ाई गुणा यात्रियों को ढोया जा रहा है. परीक्षार्थियों को ले जाने वाले प्राइवेट वाहन की बेलगाम रफ्तार हादसे को आमंत्रण देता प्रतीत होता है. शहर के 15 परीक्षा केंद्र पर 14 हजार से अधिक परीक्षार्थी मैट्रिक की परीक्षा दे रहे हैं. इनके साथ अभिभावक होते हैं. अनुमान के मुताबिक हर रोज परीक्षा अवधि के दौरान लगभग 30 हजार अतिरिक्त लोगों की शहर में उपस्थिति होती है. हजारों दो पहिया एवं चार पहिया वाहन होते हैं. ऐसे में शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गयी है. व्यवस्था को नियंत्रित करने वाली यातायात पुलिस कहीं नजर नहीं आती. परीक्षा की समाप्ति के बाद शहर की सड़कों पर जाम की स्थिति बन जाती है. शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने की जवाबदेही बिहार पुलिस के लगभग डेढ़ दर्जन जवानों के कंधे पर है जो वर्तमान ट्रैफिक लोड को नियंत्रित करने में पूरी तरह अक्षम रही है.
यातायात नियमों की हो रही अनदेखी : जिले भर में यातायात नियमों की अनदेखी हो रही है. यात्री वाहन में क्षमता से अधिक यात्री सवार होते हैं तो दो पहिया वाहन में चालक बिना हेलमेट का उपयोग किये चार-चार लोग बैठ कर सड़कों पर फर्राटे भरते नजर आते हैं. सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम नहीं रही. पुलिस प्रशासन की ओर से कठोर कदम नहीं उठाये जाने के कारण व्यवस्था पटरी पर नहीं आता दिख रहा. सड़क हादसा की प्रबल आशंका बनी हुई है.