लखीसराय : जिला व्यवहार न्यायालय के त्वरित न्यायालय के प्रथम न्यायाधीश देवेंद्र प्रसाद केसरी ने मंगलवार को दो अलग-अलग कांड में भादवि की धारा 302/34 में विचारण के बाद सात अभियुक्त भूषण यादव, सरयुग यादव, सुनील यादव, अर्जुन यादव, दासो केवट, महेंद्र महतो एवं वीरेंद्र महतो को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है तथा पांच-पांच […]
लखीसराय : जिला व्यवहार न्यायालय के त्वरित न्यायालय के प्रथम न्यायाधीश देवेंद्र प्रसाद केसरी ने मंगलवार को दो अलग-अलग कांड में भादवि की धारा 302/34 में विचारण के बाद सात अभियुक्त भूषण यादव, सरयुग यादव, सुनील यादव, अर्जुन यादव, दासो केवट, महेंद्र महतो एवं वीरेंद्र महतो को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है तथा पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड एवं अर्थदंड अदा नहीं करने पर दो माह का अतिरिक्त सजा काटनी होगी. जबकि गायत्री देवी व बबीता देवी को रिहा किया गया.
अपर लोक अभियोजक मो फारुक आलम ने बताया कि त्वरित न्यायालय कोर्ट के न्यायाधीश देवेंद्र प्रसाद केसरी ने लखीसराय थाना कांड संख्या 22/06 सत्रवाद 849/09 सूचक राजेंद्र महतो साकिन कछियाना का है. जिसमें सूचक ने आरोप लगाया था कि छह जनवरी 2006 को नौ बजे रात्रि में अपने परिवार के साथ घर में खाना खा रहा था कि उसी समय गांव के मुकेश महतो, महेंद्र महतो, वीरेंद्र महतो, गायत्री देवी, बबीता देवी साकिन कछियाना घर पर आया और गाली-गलौज करने लगा,
जिसका अनिल महतो ने विरोध किया तो चाकू मारकर उसे जख्मी कर दिया. जिसकी मौत इलाज के दौरान पटना में हो गयी. न्यायालय ने विचारण के बाद गायत्री देवी एवं बबीता देवी को रिहाई कर दिया जबकि 302/34 में महेंद्र महतो एवं वीरेंद्र महतो
लखीसराय : दो अलग-अलग…
को आजीवन कारावास की सजा सुनायी तथा पांच-पांच हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना देय होगा. वहीं पूर्व से बेल पर चल रहा एक कांड एक अभियुक्त मुकेश महतो न्यायालय में हाजिर तो हुआ न्यायाधीश का आदेश पारित के चुपके से भाग निकला. बचाव पक्ष से शंभुशरण सिन्हा व जयकिशोर सिन्हा थे. वहीं दूसरे केस हलसी थाना कांड संख्या 47/93 सत्रवाद 436/96 सूचक कार्यानंद यादव साकिन बल्लोपुर निवासी 30 मई 1993 को बयान दिया कि उसका पुत्र सुरेश यादव घर से खाना खाकर रात्रि साढ़े 11 बजे खेत में पटवन के लिए बहियार स्थित बोरिंग पर सोया हुआ था.
उसी समय गांव के ही भूषण यादव, अर्जुन यादव, सुनील यादव एवं दासो केवट सभी हरवै हथियार से लैस होकर गया व भाला मारकर जख्मी कर दिया. जिसका इलाज के दौरान पीएमसीएच में मौत हो गयी. न्यायालय ने विचारण के बाद उक्त कांड में दफा 302 व 34 में पांचों अभियुक्त को आजीवन कारावास तथा पांच-पांच का आर्थिक दंड की सजा सुनायी. बचाव पक्ष से अधिवक्ता ललन कुमार सिन्हा थे.