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पहाड़ी पर मौजूद पेड़ों को हटाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बावजूद नहीं हटाये जा रहे पेड़, सीएम का खींचा जायेगा ध्यान

पहाड़ी पर खुदाई से मिलने वाली सामग्रियों के रख-रखाव के लिए प्रशासनिक पदाधिकारियों पर बनेगा दवाब संग्राहलय के लिए जगह मिलने के बावजूद नहीं बन सका है संग्रहालय लखीसराय : लाली पहाड़ी एक बार फिर मुख्यमंत्री के आगमन की वाट जोह रहा है. प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आगामी 30 अप्रैल को सीएम […]

पहाड़ी पर खुदाई से मिलने वाली सामग्रियों के रख-रखाव के लिए प्रशासनिक पदाधिकारियों पर बनेगा दवाब

संग्राहलय के लिए जगह मिलने के बावजूद नहीं बन सका है संग्रहालय
लखीसराय : लाली पहाड़ी एक बार फिर मुख्यमंत्री के आगमन की वाट जोह रहा है. प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आगामी 30 अप्रैल को सीएम नीतीश कुमार हेलीकॉप्टर से सीधे लाली पहाड़ी पहुंच दो घंटे तक रूकेंगे. इस दौरान सीएम खुदाई कार्य का बारीकी से निरीक्षण करेंगे. इससे पूर्व सीएम नीतीश कुमार ने विगत 25 नवंबर 2017 को भी हेलीकॉप्टर से लाली पहाड़ी पहुंच खुदाई कार्य का शुभारंभ किया था.
खुदाई में लगातार मिल रहे बौद्ध महाविहार के प्रमाण मिलने की खबर के बाद सीएम लाली पहाड़ी पर एक बार फिर पहुंचने से अपने आप को नहीं रोक पा रहे. मिली जानकारी के अनुसार सीएम 30 अप्रैल को संध्या 4 बजे हेलीकॉप्टर से लाली पहाड़ी पहुंचेंगे, हालांकि यह कार्यक्रम अभी तक संभावित ही बताया जा रहा है. इधर, सीएम के आगमन से खुदाई कार्य में लगे शोधकर्ताओं में खुशी का माहौल देखा जा रहा है. लोगों के अनुसार सीएम के इस बार आगमन के बाद खुदाई कार्य में और तेजी आने की संभावना है.
खुदाई कार्य में सबसे बड़ा बाधक है पहाड़ी पर मौजूद पेड़
लाली पहाड़ी पर विगत पांच महीनों से चल रही खुदाई कार्य में सबसे बड़ा बाधक पहाड़ी पर मौजूद पेड़ पौधे हैं. जानकारी के अनुसार इस संबंध में वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिल चुका है, लेकिन वन विभाग को प्रशासन की ओर पेड़ों की कटाई के लिए मिलने वाली राशि नहीं मिली है. जिस वजह से पेड़ों का काटा जाना रूका पड़ा है. सीएम के आगमन के बाद संभवत: इस दिशा में भी प्रयास तेज हो जायेगा.
संग्रहालय की भी है जरूरत
लाली पहाड़ी के अलावा भी जिले के विभिन्न स्थानों पर खुदाई कार्य किया जाना है. जिसमें वर्तमान में उरैन पहाड़ी पर भी एएसआई के द्वारा खुदाई कार्य किया जा रहा है. इन जगहों से मिलने वाली दुर्लभ वस्तुओं एवं एतिहासिक धरोहरों को संजो कर रखने के लिए एक संग्रहालय की नितांत जरूरत है. जिसके लिए अब तक तो बातें अनेकों बार हुई लेकिन संग्रहालय अभी तक नहीं बना है. सीएम के आगमन पर इसके निर्माण कार्य में तेजी आने की संभावना है.
जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने सीएम के कार्यक्रम को लेकर किया विचार विमर्श
गुरुवार को सूबे के जल संसाधन मंत्री सह क्षेत्र में चर्चित रहे राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह लखीसराय पहुंच सीएम के आगमन को लेकर पदाधिकारियों से वार्ता भी की. इस दौरान श्री सिंह ने खुदाई कार्य की मॉनेटरिंग कर रहे विश्वभारती शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो़ अनिल कुमार से मुलाकात कर खुदाई कार्य का जायजा लिया. इस दौरान श्री सिंह ने कहा कि लाली पहाड़ी की खुदाई से लखीसराय के इतिहास के स्वर्णिम क्षण लोगों के सामने आ रहा है.

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