किशनगंज : वो दिन गए जब आधी आबादी वोट देने में घर की चौखट लांघने से परहेज करती थी . लोकतंत्र के इस पर्व में शरीक होने की बेताबी को जागरूकता कहें या महिलाओं में अपने जनप्रतिनिधि चुनने के प्रति ललक लेकिन रविवार को हुए मतदान में उनकी भागीदारी देखकर हर कोई दंग रह गया. वोट कराने में उनकी भी महत्वपूर्ण भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है.
हर बूथ पर महिला मतदाताओं की अलग कतार देखने से पता चलता था कि महिलाओं के चेहरे पर मतदान को लेकर जबरदस्त उत्साह था. लोकतंत्र के इस पर्व में बड़ी शिद्दत के साथ पर्दानशीं महिलाओं ने भी मतदान किया. घूंघट वाली महिलाएं भी अपने घर एवं पास पड़ोस की महिलाओं के साथ झुंड में मतदान के लिए निकली. सक्रिय राजनीति में महिलाओं की चाहे जितनी उपेक्षा की गई हो लेकिन आधी आबादी ने अपने अधिकार का जमकर इस्तेमाल किया. पुरुषों की कतार पर महिलाओं की कतार भारी पड़ी.
जिले के तीनो नगर पंचायत किशनगंज शहर, बहादुरगंज और ठाकुरगंज में मतदान के लिए लाइन में लगी महिलाओं में गजब का उत्साह था. चेहरे पर सुकून का भाव और आंखों में चमक थी. आज उन्हें चूल्हे-चौके की फिक्र नहीं थी, बस चिंता थी तो अपने मताधिकार के प्रयोग की. लोकतंत्र के महापर्व में न सिर्फ बेटियां बल्कि बहुओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया, युवतियों में भी गजब का उत्साह दिखा. पहली बार मतदान करने वाली युवतियों का उत्साह देखने लायक था. किशनगंज वार्ड नंबर 17 के एक बूथ पर पहली बार मतदान करने आयी दीपिका ने कहा कि मैं अपने जीवन में पहली बार अपने मताधिकार का उपयोग किया हूं. यह जरूरी है क्योंकि हम लोकतांत्रिक देश मे रहते हैं और पांच साल के अंतराल पर ये मौका मिलता है.वार्ड नंबर 20 के एक बूथ पर अपनी मां के साथ वोट डालने आयी नाज़िया कहती है कि यह नया अनुभव है क्योंकि मैं पहली बार वोट डालने आयी हूं.