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जंगली हाथियों के उत्पात से सहमे हैं लोग

दहशत . भारत-नेपाल सीमा से सटी धनतोला पंचायत के डोरिया गांव में हुई घटना रात में हाथियों की आहट पा कर ग्रामीण सचेत हो गये और दूसरों को भी सुरक्षित करने के लिए मोबाइल पर सूचना देने लगे. अंधेरा, बढ़ती ठंड और घने कोहरे के कारण लोग घर से बाहर नहीं निकले. घरों में ही […]

दहशत . भारत-नेपाल सीमा से सटी धनतोला पंचायत के डोरिया गांव में हुई घटना

रात में हाथियों की आहट पा कर ग्रामीण सचेत हो गये और दूसरों को भी सुरक्षित करने के लिए मोबाइल पर सूचना देने लगे. अंधेरा, बढ़ती ठंड और घने कोहरे के कारण लोग घर से बाहर नहीं निकले. घरों में ही सभी लोगों ने इकट्ठा होकर रातजगा किया.
दिघलबैंक : भारत-नेपाल सीमा से सटे धनतोला पंचायत के डोरिया गांव में बीती रात करीब दो बजे नेपाल से आये जंगली हाथियों ने जम कर उत्पात मचाया. कई एकड़ में लगी मकई व गेंहू की फसल को रौंदा डाला. वहीं कई कच्चे मकानों को गिरा दिया. रात में हाथियों की आहट पा कर ग्रामीण सचेत हो गए और दूसरे लोगों को सुरक्षित करने के लिये मोबाइल पर सूचना देने लगे. मध्य रात्रि का अंधेरा व बढ़ती ठण्ड और घने कोहरे में लोगों ने घर से बहार निकलना मुनासिब नहीं समझा.घरों में ही सभी लोगों ने इकट्ठा होकर रातजग्गा किया.
सुबह होने पर पता चला की डोरिया गांव निवासी फगुलाल सिंह, सुरेश प्रसाद सिंह के घर की दीवार को हाथियों ने गिरा दिया. वहीं सीताराम ठाकुर, संदीप कुमार गणेश के कई एकड़ मकई व गेंहू की फसल को भी नुकसान पहुंचाया. आदिवासियों के गांव में होपन मई हासदा,पति झारबारिया मरांडी के दो कच्चे मकान को गिरा दिया और घर में रखे चावल व धान को भी बर्बाद कर दिया. ग्रामीणों की माने तो दो की संख्या में हाथी आये हुये थे. हालांकी इस घटना में किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है. लोगों द्वारा इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी गयी. बीडीओ नर्मदेश्वर झा ने बताया कि कई अधिकारियों के साथ क्षेत्र का भ्रमण किया गया मगर हाथी दिन में भारतीय क्षेत्र में नहीं देखे गए. लगता है हाथियों का झुण्ड नेपाल की ओर चला गया है फिर भी सीमावर्ती क्षेत्र के लोग रात्रि में सतर्कता बरतें. वन विभाग को सूचना दे दी गयी है. हाथियों द्वारा किये गए नुकसानों का मुआयना किया जा रहा है.
पूर्व में भी आ चुके हैं हाथी
पिछले वर्ष अप्रैल माह में जंगली हाथियों का झुण्ड कई बार सीमावर्ती क्षेत्र के सतमेढ़ी,आमडांगी, पोठीमारी गांव में आ गए थे. जहां हाथी को भगाने के दौरान 14 वर्षीय करण लाल की मौत हो गई थी.
जंगलों की कटाई के कारण भटक रहे गजराज
घने जंगलों और पहाड़ तथा नदियों के लिए अपनी विशेष पहचान रखने वाले नेपाल के तराई इलाके वालों जंगलों से अवैध रूप से वृक्षों की कटाई तथा लगातार कम हो रहे जंगल के कारण हाथी भटकर रिहायशी इलाके में आ जाते है.
नेपाल से आये हाथी
पिछले वर्ष नेपाल के जंगलों से भटक कर आये तेंदुआ, जंगली बिल्ली, हाथियों का झुण्ड. इस वर्ष भी आये हाथियों के झुण्ड से लोग सहशत में है. मंगलवार को दिन भर हाथी देखे जाने की अफवाह फैलती रही. सीमा से सटे गांव के लोग रात्रि को घर से बाहर निकलने में असहज महसूस करते है. उन्हें ये डर सता रहा है कि न जाने किधर से कौन सा जंगली जानवर निकल आये.

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