ठाकुरगंज रेल पैसेंजर संघ के सदस्य अरविंद अग्रवाल ने रेलमंत्री को भेजा था पत्र
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ठाकुरगंज में ट्रेनों के ठहराव का मामला रेल मंत्री के संज्ञान में
ठाकुरगंज रेल पैसेंजर संघ के सदस्य अरविंद अग्रवाल ने रेलमंत्री को भेजा था पत्र ठाकुरगंज : दार्जिलिंग दौरे पर आये रेल मंत्री सुरेश प्रभु के समक्ष सिलीगुड़ी अलुआबाड़ी रेल खंड की समस्या गूंजी. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे, पूर्वी रेलवे और दक्षिण पश्चिमी रेलवे की कई योजनाओं की समीक्षा तथा घोषणा के दौरान रेलमंत्री को किशनगंज जिले […]
ठाकुरगंज : दार्जिलिंग दौरे पर आये रेल मंत्री सुरेश प्रभु के समक्ष सिलीगुड़ी अलुआबाड़ी रेल खंड की समस्या गूंजी. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे, पूर्वी रेलवे और दक्षिण पश्चिमी रेलवे की कई योजनाओं की समीक्षा तथा घोषणा के दौरान रेलमंत्री को किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के रेलवे स्टेशन ठाकुरगंज से संबंधित समस्याओं से रेलमंत्री को अवगत कराया गया. ठाकुरगंज में लंबी दूरी के ट्रेनों के परिचालन और ठहराव के लिए सक्रिय ठाकुरगंज रेल पैसेंजर संघ के सक्रिय सदस्य अरविंद अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार को दार्जिलिंग के एमपी एसएस अहलुवालिया और दार्जिलिंग जिला भाजपा अध्यक्ष प्रवीण सिंघल के माध्यम से रेल मंत्री को शिकायत पत्र प्रेषित किया गया तथा शिकायत की प्रति रेलमंत्री को ईमेल भी की गयी.
बताते चलें पिछले दिनों सांसद एसएस अहलुवालिया के चुरली दौरे के दौरान उन्हें रेल समस्याओं की बाबत विस्तार से जानकारी दी गयी थी, जिसके बाद उन्होंने जल्द ही उचित कार्यवाही का भरोसा दिया था.
रेल मंत्री ने दिया जवाब
पूरे मामले में शिकायत के एक दिन बाद रेलमंत्री ने शिकायतकर्ता अरविंद अग्रवाल को स्वयं ईमेल कर की गयी शिकायत पर आवश्यक कार्रवाई की बात कही और ठाकुरगंज में रेलवे बोर्ड द्वारा जारी स्टॉपेज पॉलिसी के सभी मानदंडों के उल्लंघन के मुद्दे को बोर्ड के सलाहकार, कोचिंग को आवश्यक कार्रवाई के लिए अग्रेषित किया.
रेलमंत्री द्वारा मामले का संज्ञान लेने पर क्षेत्र के रेलयात्रियों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. ठाकुरगंज निवासी वसीम अकरम जहां इसे सकारात्मक कदम मानते हैं, वहीं सूरज साह का कहना है कि जब तक ट्रेन न चले ये सब बातें भरोसे के लायक नहीं. इस मामले में अरविन्द अग्रवाल ने बताया की कि रेलमंत्री द्वारा शिकायत का स्वयं संज्ञान लेना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मामला अब तक गुवाहाटी स्थित मुख्यालय से आगे बढ़ नहीं पायी थी और पहली बार रेलवे बोर्ड मामले को सीधे देखेगा.
बताते चलें कि ठाकुरगंज में पांच वर्ष पूर्व हुए आमान परिवर्तन के बाद से ही लंबी दूरी की ट्रेनों के परिचालन और ठहराव को लेकर विभिन्न लोगों, संस्थाओं व जनप्रतिनिधियों द्वारा धरना-प्रदर्शन और आंदोलन होते रहे हैं. सड़क पर आंदोलन से लेकर ट्विटर पर डिजिटल आंदोलन का कोई विशेष लाभ नहीं मिल सका.
क्या है नियम
रेलवे बोर्ड द्वारा वर्ष 2005 में जारी स्टॉपेज पॉलिसी के नियमो की सभी अर्हता ठाकुरगंज रेलवे स्टेशन पूरा करता है. चाहे लाइन कैपेसिटी का मानदंड हो, या कुल यात्री राजस्व का. चाहे कुल आरक्षण टिकटों की बिक्री हो या ट्रैक की स्पीड का. 2015 के आंकड़े बताते हैं कि बिना किसी डेली लंबी दूरी की ट्रेन के भी ठाकुरगंज स्टेशन से सालाना क़रीब तीन करोड़ की टिकट बिक्री हुई. वर्तमान में कुल आरक्षण टिकटों का 55% ऑनलाइन आइआरसीटीसी की वेबसाइट से बुक होता है जिसे एडजस्ट करने पर कुल बिक्री पांच करोड़ से अधिक हो जाती है. पिछले महीनों में सीएजी की एक रिपोर्ट ने सिलिगुड़ी जंकशन-बागडोगरा-ठाकुरगंज अनुभाग की प्रॉफिटेबिलिटी (आय) रेटिंग भी बढ़ायी है. इसी रेल अनुभाग में ट्रैक मेंटेनेंस का काम ज़ोरो पर है. अब तक क़रीब 10 मालगाड़ी ब्लास्ट पत्थर गिराये जा चुके हैं और ट्रैक पर गाड़ियों के चलने की स्पीड को 110 किमी प्रति घंटा तक बढ़ाया गया हैं. रेलवे के ही इन नियमों के आधार पर ठाकुरगंज को कम से कम तीन रोजाना चलने वाली लंबी दूरी की मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें मिलनी चाहिए.
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