शहर में 11 बजकर 40 मिनट के करीब पहला झटका महसूस किया गया और दूसरा 12:15 बजे. भूकंप आने की खबर से शहर में दफ्तर, अस्पताल, हॉटल, स्कूल, कॉलेज, अपार्टमेंट व घरों में अफरा-तफरी मच गई. यहां से जैसे तैसे लोग बाहर निकलकर सड़क व खाली जगहों की ओर भागे. महिला सुचित्र ने बताया कि खाना बनाने के क्रम में बरतन हिलने से पता चला की भूकंप आया. बिना गैस बंद किये ही चिल्लाते बाहर निकल पड़े. उन्होंने बताया कि बाहर खड़ा रहने के बाद जब सामान्य हुआ तो अंदर जा ही रही थी कि फिर से झटका महसूस होते बाहर की ओर दौड़े. जिसके बाद मानों की सांसे अटक गई हो. इसके बाद लोग घंटों बाहर खड़े रहे कोई घर के अंदर नहीं जाना चाह रहे थे.
भूकंप के झटकों की दहशत शहर के स्कूलों व कालेजों में इस कदर रही कि बच्चे सहम उठे. हालांकि स्कूलों में छुट्टी पोठिया प्रखंड के एक मदरसा की सात छात्र बेहोश होकर गिर गयी जिसे मदरसा प्रबंधन ने अस्पताल में भरती कराया. जबकि दिघलबैंक प्रखंड के सिंघीमारी मिलिक निवासी फटक लाल हरिजन के पांच पुत्र गौतम कुमार हरिजन के उपर इंदिरा आवास की दीवार ढहने से घायल हो गया. इस दौरान बच्चे का हाथ टूट गया. वहीं 12 वी वाहिनी के जी कंपनी दिघलबैंक बीओपी परिसर में स्थित शौचालय की दीवार जमींदोज हो गयी. वहीं अठगछिया गांव निवासी मास्टर अंजूम के घर के समीप जमीन फटने से पानी का रिसाव होने लगा. इसके अलावे कई जगहों पर धरती पर दरार आने की सूचना मिली है.