किशनगंज : जिले में तेज व सर्द हवा के साथ ठंड का कहर जारी है. सोमवार को भी ठंड कम नहीं हुई. जिले के सभी प्रखंडों में रविवार सुबह से ही घने कोहरा छाया रहा. दिन बढ़ने के साथ-साथ हल्की धूप से लोगों को कुछ राहत जरूर मिली. लेकिन सर्द हवाओं से ठंड में कोई कमी नहीं आई. इसके अलावा बाजार में गर्म कपड़े की खरीदारी के लिए काफी भीड़ उमड़ी. सर्द हवाओं ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया. यहां का तापमान बीते रविवार की तरह ही 16 से 7 डिग्री के आसपास था.
चारों तरफ कोहरा छाये रहने की वजह से होने के जरूरी काम करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. आवागमन में समस्या हो रही है. बाजारों में चहल पहल कम रही. घने कोहरे के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग व ट्रेन में चलने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. लगातार ठंड में लोगों ने अलाव को ही अपना एकमात्र सहारा बनाया है. ठंड से बच्चों व बुजुर्ग को जीवनयापन में काफी कठिनाई हो रही है.
ठंड में वृद्धों को हृदयघात होने की ज्यादा संभावना
ठंड में वृद्धों को हृदयघात होने की ज्यादा संभावना बनी रहती है . दिल की बीमारी से ग्रस्त मरीजों को चाहिए कि वे ठंड से अपना बचाव करें. वहीं चिकित्सकों ने इस मौसम में दिल के मरीजों को अपना विशेष ख्याल रखने की हिदायत दी है. दिघलबैंक प्रतिनिधि के अनुसार 10-12 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही बर्फीली हवाओं के कहर के कारण ठंड का कहर बदस्तूर जारी है.
हाड़ को कंपाने वाली ठंड में दिन भर लोग ठिठुरते रहे. दिन के करीब 11 बजे निकली हल्की धूप के बावजूद ठंड से राहत नहीं मिली और लोग मौसम को कोसते रहे. अधिकतम व न्यूनतम तापमान में कोई खास अंतर नहीं आया. महज कुछ देर के लिए निकली हल्की धूप से किसी तरह की राहत नहीं मिल पाई और पूरे दिन बर्फीली हवाओं का तांडव जारी रहा.सोमवार को भी बर्फीली हवाओं का कहर लोगों पर भारी पड़ा. तापमान में किसी भी तरह का अंतर नहीं आने के कारण ठंड के साथ कोहरे के भी असर बढ़ती जा रही है. पिछले एक सप्ताह से सर्दी के सितम ने लोगों को परेशान कर दिया और अलाव के आसपास बैठे लोग मौसम को कोस रहे हैं.
मौसम के जानकार लोगों की मानें तो साइबेरिया से 10-12 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही हवाएं जम्मू-कश्मीर से होकर आते समय बर्फीली हो जा रही हैं, जिसकी वजह से मैदानी भाग में ठंड व गलन बढ़ गई है. यहीं कारण है कि ठंड ने ठिठुरने पर मजबूर कर रखा है. गलन इतनी ज्यादा थी कि लोग जेब से बाहर हाथ नहीं निकालना चाह रहे थे. दो पहिया वाहन चालक दास्ताने पहने रहे. खुले हाथ में हवाएं चुभ रही थीं. दिन के करीब 11 बजे हल्की धूप निकलने के बाद लोगों को कुछ राहत मिली. हालांकि शाम ढलते ही फिर मौसम का मिजाज सर्द हो गया. सर्द हवाओं के कारण लोगों की कंपकंपी छूटती रही.
कोचाधामन प्रतिनिधि के अनुसार कनकनी की वजह से ठंड बढ़ गई है. शीतलहर के प्रकोप से जनजीवन अस्त व्यस्त है. प्रखंड के लोगों ने प्रशासन से अलाव के लिए लकड़ी उपलब्ध कराने की मांग की है. हाड़ कंपा देने वाली ठंड से शाम के चार बजते बजते लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं.
पौआखाली : पिछले साल बाढ़ का कहर और अब नये साल में ठंड का सितम आम जन के लिए आफत बन आयी है जिसका प्रतिकूल असर सभी प्रकार के जीव जन्तुओं पर पड़ता है. यह अलग बात है कि इंसान और जानवर अपना बचाव किसी तरह कर ही लेते हैं. किन्तु पेड़ पौधे फसल आदि को इसकी मार झेलनी पड़ती है. बीते कई दिनों से लगातार जारी भीषण शीतलहर और बर्फीली हवाओं से खेतों में लगी रबी फसल को नुकसान पहुंचने की संभावनाओं के मद्देनज़र किसानों में इस बात को लेकर काफी चिंता है कि फसल को नुकसान हुआ तो फिर इसकी भरपाई कैसे करेंगे.
पिछले साल ही आयी बाढ़ से तबाह व बर्बाद हो चुकी जिंदगी की गाढ़ी कमाई को पुनः समेटने में क्षेत्र के किसानों को काफी कुछ सहना पड़ा है. बचे खुचे खेतों में किसानी कर दो जून की रोटी की व्यवस्था करने व जिंदगी की गाड़ी को आगे बढ़ाने की जुगत में लगे किसान की चिंता वाजिब है. किसान असगीर आलम ने बताया कि ज्यादा शीतलहर से आलू के फसल को काफी नुकसान होने वाला है साथ में गोभी फसल के लिए भी नुकसानदायक है आलू की खेती करने वाले देवनारायण, मो नसीम, कुर्बान आदि ने भी बताया कि काफी मात्रा में ओस की बुंदें आलू के पौधों को पनपने नहीं देता हैं.
पत्ते काले स्याह हो जाते हैं और धीरे धीरे आलू का पौधा मर जाता है. यही बात गोभी की किसानी करने वालों के लिए भी समस्या खड़ी करता है. किसानों ने बताया कि मौसम में सुधार की जरूरत महसूस की जा रही है ताकि फसलों को नुकसान से बचाया जा सके. वैसे भी निम्नवर्गीय किसानों के लिए किसी खर्चीले तकनीक का इस्तेमाल करना संभव इसलिए नहीं होता है क्योंकि ये लोग अपनी बचे खुचे मेहनत की गाढ़ी कमाई के हिस्से से खेती कर रोटी की जुगाड़ करते हैं. उसपर भी कुदरत का सितम अगर ऐसे ही जारी रहा तो फिर इन किसानों की रक्षा कैसे होगी.
महिला की मौत
ठाकुरगंज : पिछले कई दिनों से कहर बन कर टूट रही ठंड ने सोमवार की सुबह एक महिला की जान ले ली. घटना ठाकुरगंज प्रखंड के चुरली पंचायत की है. जहां लोधाबाड़ी गांव की एक महिला की मौत हो गयी. प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया की सोमवार सुबह आग तापने के दौरान महिला ने ठंड लगने की बात कही और अचानक ही उसकी मौत हो गयी. हालांकि प्रशासन ने पूरी घटना की जानकारी के बाद महिला की मृत्यु को ठंड से हुई मौत मानने से इंकार किया है.
मृतक महिला का नाम तेजिया देवी पति सीता राम राजभर बताया गया है. महिला की मौत के बाद इलाके में सनसनी फैल गयी. वहीं घटना की सूचना मिलते ही पंचायत के मुखिया राजीव पासवान ने मौके पर पहुंच कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत 1500 रुपये की सहायता राशि पीड़ित परिवार को दिया. वहीं इस बाबत प्रखंड विकास पदाधिकारी गनोर पासवान ने बताया की मृतक महिला की मौत की जानकारी मिलने पर जांच करवायी गयी है. मामला ठंड से मौत का नहीं है. आग तापने के दौरान ठंड से कैसे मौत होगी.
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