विभाग अनजान. प्रति अवैध वेंडर से 50 रुपये प्रतिदिन की दर से होती है अवैध वसूली
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मथुरापुर का पीके है अवैध वेंडर का सरगना
विभाग अनजान. प्रति अवैध वेंडर से 50 रुपये प्रतिदिन की दर से होती है अवैध वसूली मथुरापुर गांव के ‘पीके’ के संरक्षण में खगड़िया रेलवे स्टेशन होकर गुजरने वाली ट्रेनों में अवैध वेंडर का काला कारोबार चल रहा है. खगड़िया : ट्रेनों में अवैध वेंडर के काले कारोबार का सरगना मथुरापुर का ‘पीके’ है. जिसके […]
मथुरापुर गांव के ‘पीके’ के संरक्षण में खगड़िया रेलवे स्टेशन होकर गुजरने वाली ट्रेनों में अवैध वेंडर का काला कारोबार चल रहा है.
खगड़िया : ट्रेनों में अवैध वेंडर के काले कारोबार का सरगना मथुरापुर का ‘पीके’ है. जिसके संरक्षण में ट्रेनों में खुलेआम अवैध वेंडरिंग का गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है. ट्रेनों में अवैध वेंडरों से प्रति दिन 50 रुपये की दर से अवैध वसूली की जाती है. सूत्रों के अनुसार खगड़िया होकर गुजरने वाली ट्रेनों में करीब 250 वेंडर प्रतिदिन अवैध रूप से अपना कारोबार करते हैं.
इसके एवज में उन्हें प्रतिदिन सरगना को रकम देना होता है. ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी रेलवे सुरक्षा बल या फिर रेल पुलिस को नहीं है. लेकिन सब कुछ जानते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं होने से दाल में काला की आशंका जतायी जा रही है. प्रभात खबर की पड़ताल में ट्रेनों में अवैध वेंडरिंग के काले कारोबार का कड़वा सच सामने आया है. बताया जाता है कि अवैध वेंडर से प्रति महीने लाखों की अवैध उगाही की जाती है. जिसमें से तय हिस्सा कई टेबुल पर भी पहुंचाये जाने की चर्चा जोरों पर है. ताकि अवैध धंधा बिना किसी रोक-टोक के चलती रहे.
अवैध वेंडरों की आवाजाही से यात्री परेशान : खगड़िया होकर गुजरने वाली ट्रेनों में अवैध वेंडरों की आयी बाढ़ के कारण यात्रियों की परेशानी बढ़ गयी है. एक बोगी में आधा दर्जन अवैध वेंडर अपनी अपनी सामग्री के साथ भ्रमण करते रहते हैं. रात हो या दिन इन अवैध वेंडरों को कोई टोकने वाला नहीं रहता है. यात्रियों द्वारा टोके जाने पर ये अवैध वेंडर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं.
रिजर्वेशन बोगी हो या जेनरल डिब्बा हर ओर अवैध वेंडरों की आवाजाही खुलेआम हो रही है. इन अवैध वेंडरों द्वारा बेची जाने वाली खाद्य सामग्री की कोई जांच नहीं होने से इसकी गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं रहती है. बासी खाद्य सामग्री बेचकर रेलयात्रियों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
लाइसेंसी ठेकेदार भी रेलवे को लगा रहे चूना
रेलवे स्टेशन के लाइसेंसी ठेकेदार भी रेलवे को चूना लगाने में पीछे नहीं है. नियमत : जिस ठेकेदार को चार स्टॉल/ठेला लगाने की इजाजत है वह स्थानीय रेल अधिकारियों को मैनेज कर 40 ठेला/खोमचा लगवा कर अपनी जेब भर रहे हैं. बताया जाता है कि रेलवे स्टेशन पर अवैध वेंडिंग के काले कारोबार को मैनेज करने के लिये नजराना की रकम तय है. प्रति महीने चढ़ावा के तौर पर फिक्स रकम पहुंचाना होता है. तभी तो खुलेआम रेलवे के नियम कायदे को ताक पर रख कर अवैध वेंडरों की दुकानें लग रही है. बताया जाता है कि रेलवे स्टेशन पर अवैध वेंडरों के काले कारोबार से प्रत्येक महीने वसूली जाने वाली रकम दस लाख रुपये तक जा पहुंची है.
ट्रेनों में अवैध वेंडरों की धरपकड़ के लिये जल्द ही सघन छापेमारी अभियान चलाया जायेगा. रेलवे स्टेशन परिसर सहित प्लेटफाॅर्म पर अवैध रूप से ठेला-खोमचा लगाने वालों को भी बख्शा नहीं जायेगा.
अतुल्य सिन्हा, डीआरएम, सोनपुर रेल मंडल
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