उदासीनता. अलौली में मृत मड़ैया नदी की दर्जनों एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा
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अतिक्रमण को हटाने में प्रशासन विफल
उदासीनता. अलौली में मृत मड़ैया नदी की दर्जनों एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा अतिक्रमण हटाने के नाम पर सिर्फ गरीबों को हटा कर पीठ थपथपाने वाले प्रशासन के खिलाफ अलौली प्रखंड में आवाज उठने लगी है. लोगों का कहना है कि आखिर आदेश के बाद भी मृत मड़ैया नदी की जमीन पर से अब तक […]
अतिक्रमण हटाने के नाम पर सिर्फ गरीबों को हटा कर पीठ थपथपाने वाले प्रशासन के खिलाफ अलौली प्रखंड में आवाज उठने लगी है. लोगों का कहना है कि आखिर आदेश के बाद भी मृत मड़ैया नदी की जमीन पर से अब तक अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया गया है.
खगड़िया : अलौली में मृत मड़ैया नदी की दर्जनों एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा जमाये अतिक्रमणकारी को हटाने में प्रशासन विफल रहा है. एक बार फिर नये एसडीओ अमित कुमार पांडेय के पदभार संभालने के बाद अतिक्रमणकारियों के खिलाफ अभियान जल्द शुरू होने वाला है. ऐसे में यह देखना बाकी है कि सिर्फ फुटपाथी दुकानदारों पर ही प्रशासन का डंडा चलेगा या फिर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर पक्का मकान वालों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई होगी.
बता दें कि अलौली में पीडब्लूडी सड़क जो कोसी तटबंध को जोड़ती है. इसके समीप रामपुर-अलौली के बीच पूर्व में बहने वाली मड़ैया नदी (अब मृत) की सैकड़ों एकड़ जमीन पर माफियाओं की गिद्धदृष्टि पड़ गयी है. धीरे-धीरे मिट्टी भर कर नदी की जमीन पर अतिक्रमणकारियों ने पक्का ढांचा निर्माण कर लिया है लेकिन अंचल प्रशासन की नींद अब तक नहीं खुल पायी है.
सभी सीओ से रिपोर्ट तलब : सरकारी तालाब-पोखर तथा मोइन की अद्यतन स्थिति की रिपोर्ट सभी अंचलाधिकारी से तलब की गयी है. तत्कालीन वरीय उपसमाहर्ता राजस्व शाखा ने सभी सीओ को भेजे पत्र में कहा है कि खगड़िया जिला अन्तर्गत महत्वपूर्ण जलकरों/तालाबों जैसे कसरैया घाट, डेनी मोइन, सन्हौली मोइन, करिहो मोइन, सनोखर मोइन सहित अनेक सरकारी व निजी तालाब वर्तमान में अतिक्रमण का शिकार होकर सिकुड़ रहे हैं. इस कारण उनका अस्तित्व संकट में है. विदित हो कि साल दर साल घटते जलस्तर तथा निरंतर बढ़ते जल संचयन की समस्या के मद्देनजर इन परंपरागत जल स्त्रोतों को अक्षुण्ण बनाये रखना पर्यावरणीय दृष्टिकोण से तथा सरकारी संपदा की सुरक्षा के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण है. जिला राजस्व शाखा प्रभारी ने सभी सीओ को निर्देश देते हुए अपने अंचल के अधीनस्थ सरकारी तालाब-पोखर तथा मोइन की अद्यतन स्थिति संबंधी प्रतिवेदन भूमि सुधार उपसमाहर्ता एवं अनुमंडल पदाधिकारी को विहित प्रतिवेदन उपलब्ध करवाया जाये. ताकि अतिक्रमणकारियों को खदेड़ा जा सके.
प्रखंड के रामपुर-अलौली के बीच बहती थी यह नदी, सूखने के बाद शुरू हुआ जमीन पर कब्जा का खेल
तत्कालीन डीएम द्वारा सीओ को 2016 में दिये अतिक्रमण हटाने के आदेश का अब तक अनुपालन नहीं
अलौली सीओ को सभी सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वाले लोगों की लिस्ट तलब की गयी है. सरकारी जमीन पर अतिक्रमण चाहे सड़क किनारे हो या फिर मृत नदी की जमीन पर, जल्द ही सभी सरकारी जमीन को अतिक्रमणमुक्त करवाने के लिये अभियान चलाया जायेगा.
अमित कुमार पांडेय, सदर एसडीओ.
सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर सिर्फ फुटपाथी दुकानदारों पर डंडा चलाने से पहले प्रशासन को चाहिये कि सरकारी जमीन पर पक्का घर निर्माण करने वाले अतिक्रमणकारी को हटायें. रामपुर-अलौली के बीच मृत मड़ैया नदी (धार) की दर्जनों एकड़ जमीन पर अतिक्रमण को हटाने के लिये कोई पहल नहीं हो रहा है.
जबकि तत्कालीन डीएम ने मड़ैया नदी की जमीन पर से अतिक्रमण हटा कर इस मृत नदी में जान फूंकने का आदेश दिया गया था. अतिक्रमण हटाने के नाम पर सिर्फ गरीबों को परेशान करना कहां का इंसाफ है. सरकारी नियम-कायदा सबके लिये बराबर है. ऐसे में मृत मड़ैया नदी की जमीन सहित सभी सरकारी जमीन को अतिक्रमणकारियों से मुक्त करवाने की जरुरत है.
दीपक कुमार अकेला, आरटीआई कार्यकर्ता.
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