खगड़िया : स्टेडियम निर्माण में भ्रष्टाचार के मामले में अब कार्रवाई का इंतजार है. अधिकारियों की मिलीभगत से राशि निकासी के बाद भी काम नहीं किया गया. इधर, स्टेडियम निर्माण में लाखों की हेराफेरी के खुलासा बाद कोई कार्रवाई नहीं होते देख हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की तैयारी हो रही हैं. पूरे प्रकरण […]
खगड़िया : स्टेडियम निर्माण में भ्रष्टाचार के मामले में अब कार्रवाई का इंतजार है. अधिकारियों की मिलीभगत से राशि निकासी के बाद भी काम नहीं किया गया. इधर, स्टेडियम निर्माण में लाखों की हेराफेरी के खुलासा बाद कोई कार्रवाई नहीं होते देख हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की तैयारी हो रही हैं.
पूरे प्रकरण को सामने लाने वाले शिकायतकर्ता गोगरी निवासी मनोज कुमार मिश्र ने भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों से लेकर संवेदक पर कार्रवाई नहीं होते देख पटना हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे. इधर, स्टेडियम निर्माण में संवेदक के पास बड़ी सरकारी राशि रहने के बाद भी सात वर्षों में स्टेडियम निर्माण नहीं होने पर जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने डीपीओ विजय शंकर व कार्य एजेंसी लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता को फटकार लगाते हुए 25 अप्रैल तक इस दिशा में ठोस पहल करते हुए रिपोर्ट तलब किया है.
फंसेंगे कई के गरदन
गोगरी में तीन स्टेडियम निर्माण में बड़े पैमाने पर हुई हेराफेरी मामले में जांच हुई, तो कई गरदन फंस सकते हैं. बीते दिनों डीपीओ व कार्य एजेंसी कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई प्रमंडल खगड़िया ने जिला लोक शिकायत निवारण के तहत सुनवाई के दौरान यह स्वीकार किया है कि उनके कार्यालय में इन तीनों योजनाओं से संबंधित प्रारंभिक प्राक्कलन तक उपलब्ध नहीं है. स्टेडियम निर्माण के लिए आयी लाखों की राशि भुगतान में डीपीओ ने सारे नियम कायदे ताक पर रख दिये. पूर्व से अग्रिम में निर्गत राशि खर्च हुई भी नहीं लेकिन डीपीओ ने दूसरी किस्त के तहत लाखों की राशि निर्गत कर दिया.
करीब 45.24 लाख की लागत से भगवान उच्च विद्यालय गोगरी में स्टेडियम निर्माण के लिए अग्रिम में दी गयी 15 लाख में से मामूली रकम भी खर्च नहीं हो पया, लेकिन डीपीओ ने फिर से दूसरी किस्त में 10 लाख की राशि विमुक्त कर दिया.
सात वर्षों में 25 प्रतिशत काम भी नहीं हो पाया है. डीपीओ, कार्य एजेंसी लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता व संवेदक की मिलीभगत से सरकारी राशि का गोलमाल किया गया है. जल्द ही हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे.
मुकेश कुमार मिश्रा, शिकायतकर्ता
सुनवाई के दौरान सामने आये तथ्यों से स्पष्ट होता है कि अभी भी संवेदक के पास सरकारी राशि पड़ी हुई है, जबकि योजना में कोई काम नहीं हो रहा है. योजना के पर्यवेक्षण व निरीक्षण की जिम्मेवारी कार्य एजेंसी होने के नाते लघु सिंचाई प्रमंडल खगड़िया के कार्यपालक अभियंता के साथ-साथ डीपीओ की है. अभी तक राशि बची रहने के बावजूद स्टेडियम निर्माण कार्य सात वर्षों में पूरा नहीं हो पाया है. फिर भी संवेदक के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गयी. जो कर्तव्य के प्रति लापरवाही भी है. 25 अप्रैल तक इस दिशा में ठोस पहल करते हुए रिपोर्ट तलब किया गया.
विजय कुमार सिंह, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी