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पीडीएस दुकानों में लगायी जायेगी पाॅउस मशीन

खगड़िया : सरकारी अनाज वितरण में गड़बड़ी करने वालों की अब खैर नहीं है. जिले के पीडीएस दुकानों में पॉउस मशीन लगाये जायेंगे. पॉउस मशीन में बायोमिट्रिक पहचान दर्ज करने वाले लाभुक ही सरकारी अनाज का उठाव कर सकेंगे. इस प्रोजेक्ट पर काम अंतिम चरण में है. जिले के गोगरी प्रखंड में सर्वप्रथम योजना को […]

खगड़िया : सरकारी अनाज वितरण में गड़बड़ी करने वालों की अब खैर नहीं है. जिले के पीडीएस दुकानों में पॉउस मशीन लगाये जायेंगे. पॉउस मशीन में बायोमिट्रिक पहचान दर्ज करने वाले लाभुक ही सरकारी अनाज का उठाव कर सकेंगे. इस प्रोजेक्ट पर काम अंतिम चरण में है. जिले के गोगरी प्रखंड में सर्वप्रथम योजना को धरातल उतारा जायेगा. इसकी सफलता के बाद जिले के सभी प्रखंडों में इस सिस्टम को लागू कर दिया जायेगा. पॉउस सिस्टम से काम करने के लिए सभी डाटाबेस का काम हो चुका है.

सभी लाभुकों का डाटा तैयार कर लिया गया है. साथ ही दुकानदारों की भी सभी तरह का डाटा को अपलोड कर लिया गया है. योजना के तहत सभी लाभुकों को आधार कार्ड सीडिंग का काम हो रहा है. पॉउस सिस्टम को लागू करने के लिए अब लाभुकों द्वारा दिये गये आधार नंबर का क्रॉस जांच विभाग के द्वारा किया जा रहा है. क्रॉस जांच पूरा होने के बाद सिस्टम से जोड़कर ऑनलाइन करके नयी तकनीक का लाभ लोगों को मिलने लगेगा.

एपीएल व बीपीएल को मिलता है केरोसिन : गरीब हो या अमीर जिसके पास कार्ड है उसे हर महीने सामान्य मात्रा में केरोसिन दिये जाते है. ग्रामीण क्षेत्र में प्रति कार्ड पर 2.40 लीटर केरोसिन हर महीने दिये जाते हैं.

काम में आयेगी पारदर्शिता

नयी व्यवस्था से जहां फर्जी तरीके से अनाज गटकने वाले लोग छंट जायेंगे. वहीं पीडीएस वाले भी गड़बड़ी नहीं कर सकेंगे. बायोमिट्रिक पहचान जितने लोगों को दर्ज होगा उसी को सही लाभुक माना जायेगा. दूसरे के नाम दर्ज कर राशन देने का बहाना बनाकर कोई भी दुकान प्रशासन को धोखा नहीं दे पायेगा. साथ ही दुकानदार के द्वारा एक दिन में कितने लाभुकों को अनाज दिया गया है. सभी डाटा ऑनलाइन हो जायेगा. विभाग के अधिकारी से लेकर दिल्ली में बैठे खाद्य आपूर्ति के अफसर भी देख सकेंगे. इस सिस्टम से योजना वितरण में पारदर्शिता आयेगी. साथ ही कालाबाजारी पर भी लगाम लग सकता है. हर डीलर को विभाग के द्वारा एक-एक पॉउस मशीन दिये जायेंगे. लाभुकों को भी जानकारी दी जा रही है जिसका बायोमिट्रिक में पहचान दर्ज होगा. वही अनाज का उठाव कर सकता है. परिवार के किसी अन्य सदस्य अनाज नहीं उठा पायेंगे.

कहते हैं अधिकारी

बीएसओ घनानंद प्रसाद ने बताया कि पॉउस मशीन सिस्टम को गोगरी प्रखंड में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत काम किया जा रहा है. इसके बाद जिले के दूसरे प्रखंडों में सिस्टम पर काम किया जायेगा. गोगरी जनवरी 2017 से नये सिस्टम से जुड़ जायेगा.

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