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नहीं हो रही कार्रवाई उदासीनता. बिना मापदंड चल रहे फर्जी नर्सिंग होम

कई निजी क्लीनिकों में चल रहे काले कारोबार को रोकने में स्वास्थ्य विभाग की सुस्ती से गरीबों के लूटने का सिलसिला जारी है. गली मोहल्लों में संचालित फर्जी नर्सिंग होम पर कार्रवाई तो दूर जांच तक करने से स्वास्थ्य विभाग कतराता है. खगड़िया : जिले में संचालित फर्जी नर्सिंग होम पर कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग […]

कई निजी क्लीनिकों में चल रहे काले कारोबार को रोकने में स्वास्थ्य विभाग की सुस्ती से गरीबों के लूटने का सिलसिला जारी है. गली मोहल्लों में संचालित फर्जी नर्सिंग होम पर कार्रवाई तो दूर जांच तक करने से स्वास्थ्य विभाग कतराता है.

खगड़िया : जिले में संचालित फर्जी नर्सिंग होम पर कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग कांप रहा है. पहले चौथम प्रखंड के करुआ मोड़ में सरकारी मापदंड को ठेंगा दिखाते हुए संचालित परमानंद हॉस्पिटल में महादलित युवक का गलत ऑपरेशन और अब गोगरी के दिव्य नर्सिंग होम में ऑपरेशन बाद मौत के करीब पहुंची पिंकी देवी जैसे कई मामले सामने आये, लेकिन स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने की बजाय खानापूर्ति कर सो गया. ऐसे में गरीबों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ का दौर जारी रहा. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सरकारी नियम कायदे को ताक पर रख कर संचालित नर्सिंग होम पर कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग क्यों कतरा रहा है.
स्थिति यह है कि बड़े-बड़े बोर्ड पर नामी-गिरामी डॉक्टर का नाम लिख दिया और जिंदगी बचाने के नाम पर मौत का कारोबार शुरू हो जाता है. खगड़िया के गली-मोहल्ले में कुकुरमुत्ते की तरह संचालित कई निजी नर्सिंग होम में जिंदगी बचाने के नाम पर गरीबों की गाढ़ी कमाई ठगने के बाद मरने के छोड़ देने वाले निजी क्लीनिक संचालकों पर कार्रवाई कब होगी. इधर, दिव्य नर्सिंग होम में भरती पिंकी के गलत ऑपरेशन बाद मचे बवाल के बीच गरदन फंसते देख क्लीनिक संचालक रिंकेश कुमार उर्फ पिंकेश फरार बताये जाते हैं.
सीएस नहीं तोड़ रहे चुप्पी
गोगरी के मुश्कीपुर कोठी में संचालित दिव्य नर्सिंग होम में तीन-तीन बार ऑपरेशन करवाने के बाद मौत के करीब पहुंची पिंकी देवी प्रकरण में सिविल सर्जन की चुप्पी से कई सवाल खड़े हो गये हैं. मीडिया से मुंह चुराते सिविल सर्जन डॉ अरुण कुमार सिंह एक बार फिर फर्जी क्लीनिकों पर कार्रवाई से संबंधित सवालों का जवाब देने से कन्नी काटते नजर आ रहे हैं.
मंगलवार को कई बार सीएस के सरकारी मोबाइल नंबर पर फोन करने के बाद भी रिसीव नहीं किया गया. इधर, गोगरी के दिव्य नर्सिंग होम में डिलवरी के लिए किये गये सिजेरियन बाद आंत चिपक जाने सहित इंफेक्शन आदि में भी स्वास्थ्य विभाग के लचर रवैये से आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
मौत से जूझ रहा पंकज
चौथम प्रखंड के परमानंद हॉस्पिटल करुआ मोड़ में कुछ दिनों पहले महादलित युवक पंकज कुमार का डॉ अमित कुमार के द्वारा ऑपरेशन बाद स्थिति बिगड़ने पर धरना-प्रदर्शन तक हुआ. सड़क जाम से लेकर आंदोलन होता देख स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सकों की टीम तो बनायी, लेकिन जांच के नाम पर खानापूर्ति कर दिया गया. मामला फाइलों में दब गया.
बताया जाता है कि दिव्य नर्सिंग होम में काम करने वाले डॉ अमित कुमार ने ही करुआ मोड़ के समीप संचालित परमानंद हॉस्पिटल में भरती महादलित युवक पंकज का ऑपरेशन जुलाई महीने में किया था. जिसके बाद पंकज की हालत जो बिगड़ी वह आज तक नहीं सुधरा है. निजी क्लीनिकों के चंगुल में फंस कर कराह रहे पंकज की जिंदगी मौत से बदतर हालात में पहुंच चुकी है.
वह तीन महीने से बेड पर पड़ा कराह रहा है. बताया जाता है इस अस्पताल में सरकारी मापदंड की अनदेखी पर स्वास्थ्य विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की. हालांकि पंकज का ऑपरेशन करने वाले डॉ अमित कुमार ने इलाज में किसी भी प्रकार की कोताही से इनकार किया है.

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