मानसी, खगड़ियाः थाना क्षेत्र के सैदपुर गांव में बलहा-मानसी पथ के बीच संचालित ईंट-भट्ठे से चार परिवार के सात वयस्क व दो बाल बंधुआ मजदूरों को जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह की पहल पर मुक्त कराया गया. इसके अलावा पांच छोटे-छोटे बच्चे भी मुक्त कराये गये. बताया जा रहा है कि ईंट-भट्ठा पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष मीरा यादव का पुत्र संतोष कुमार चला रहा है.
घटना के संबंध में बताया गया कि पिछले चार माह से इन लोगों को बंधुआ मजदूर के रूप में चिमनी पर काम कराया जा रहा था. इस बीच रुपये की मांग करने पर उन लोगों के साथ मारपीट भी की जाती थी. तंग आकर नवादा निवासी छोटे लाल राजवंशी ने मारपीट होने की सूचना अपने बड़े भाई कैलाश राजवंशी की पत्नी को फोन पर चुपके से दी थी. इसके बाद वहां उनके परिजनों ने एक स्थानीय नेता को इसकी जानकारी दी.
तत्पश्चात नवादा के डीएम ने खगड़िया के डीएम को इसकी सूचना दी. इस पर डीएम ने कार्रवाई करते हुए गुरुवार की देर रात पुलिस को वहां छापेमारी करने का निर्देश दिया. छापेमारी में मुक्त हुए मजदूरों ने बताया कि महिला मजदूरों के साथ छेड़खानी भी की जाती थी. इधर, डीएम सिंह ने थाने पहुंच कर मजदूरों से हालचाल जाना व वहां मौजूद श्रम अधीक्षक को चिमनी संचालक पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया.
बालश्रम अधिनियम के तहत की जायेगी कार्रवाई
श्रम अधीक्षक शंकर दयाल ने बताया कि न्यूनतम मजदूरी व बालश्रम अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी. इस मौके पर एसडीओ शीर्षत कपिल अशोक, एसडीपीओ राजीव रंजन, वरीय उपसमाहर्ता अनुज कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी परबत्ता रंजन कुमार सिन्हा, बालश्रम प्रवर्तन पदाधिकारी चंद्रशेखर यादव, मानसी थानाध्यक्ष राम उदय तिवारी, एसआइ अभिनंदन कुमार व परिवहन विभाग के कर्मी विनय कुमार आदि मौजूद थे.