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हाईकोर्ट पहुंचा तेलिहार पंसस चुनाव का मामला
खगड़िया : बेलदौर प्रखंड के तेलिहार पंचायत समिति सदस्य पद के लिए निर्वाचन क्षेत्र संख्या आठ के लिये नामजदगी का पर्चा दाखिल करने वाली सीता देवी का नाम उम्मीदवारों की सूची से हटाने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. इस मामले में दर्ज याचिका सीडब्लूजेसी संख्या 7664 /2016 की पहली सुनवाई शुक्रवार को हुई जिसमें […]
खगड़िया : बेलदौर प्रखंड के तेलिहार पंचायत समिति सदस्य पद के लिए निर्वाचन क्षेत्र संख्या आठ के लिये नामजदगी का पर्चा दाखिल करने वाली सीता देवी का नाम उम्मीदवारों की सूची से हटाने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है.
इस मामले में दर्ज याचिका सीडब्लूजेसी संख्या 7664 /2016 की पहली सुनवाई शुक्रवार को हुई जिसमें न्यायमूर्ति ज्योतिशरण की एकल पीठ ने संबंधित पक्षों जैसे निर्वाची पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी बेलदौर, जिला निर्वाचन पदाधिकारी पंचायत सह जिलाधिकारी एवं राज्य निर्वाचन आयोग से दो मई तक जवाब मांगा है. उसी दिन दोबारा सुनवाई होगी. उल्लेखनीय है कि बेलदौर में 6 मई को चुनाव होना है इसलिए हाईकोर्ट ने आवेदिका के अधिवक्ता राजेश सिन्हा के आग्रह पर सोमवार की तारीख निर्धारित किया है.
अधिवक्ता श्री सिन्हा ने बताया कि हाईकोर्ट ने विपक्षी के अधिवक्ताओं को बता दिया है कि यदि दो मई तक पूरी रिर्पोट कोर्ट में प्रस्तुत नहीं किया गया तो बाध्य होकर डीएम को स्वयं कोर्ट में तलब किया जायेगा.
क्या था मामला : तेलिहार निवासी राजेश कुमार साह की पत्नी सीता देवी ने 10 मार्च 2016 को तेलिहार पंचायत समिति सदस्य पद के लिए नाम निर्देशन शुल्क के रूप में निर्धारित राशि पांच सौ रूपये प्रखंड नजारत बेलदौर में कराया और एनआर प्राप्त कर लिया. सीता देवी ने 14 मार्च को अपना नाम निर्देशन पर्चा तेलिहार पंसस पद के लिये भरा. निर्वाची पदाधिकारी बेलदौर के द्वारा पावती रसीद दी गई जिसमें 18 मार्च को संवीक्षा के संबंध में समय और स्थान सूचित किया गया. संवीक्षा में पर्चा को सही पाकर 31 मार्च को निर्वाची पदाधिकारी के द्वारा फार्म 9 में चुनाव चिन्ह बिजली का खंभा आवेदिका को दे दिया गया तथा पावती रसीद के पीछे पन्ना पर लिख दिया गया कि आवेदिका को चुनाव चिन्ह दे दिया गया.
आवेदिका ने पाया कि उसका नाम तेलिहार क्षेत्र संख्या आठ के बजाय कैंजरी क्षेत्र संख्या छह के उम्मीदवारों की सूची में शामिल कर दिया गया है. इस बात की शिकायत जब आवेदिका ने निर्वाची पदाधिकारी सह बीडीओ से किया तो उन्होंने डांट डपट कर आवेदिका को भगा दिया और चुनाव लड़ने से मना कर दिया. इस बात की शिकायत डीएम और आयोग को आवेदिका ने लिखित रूप में 5 अप्रैल को किया. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
उल्टा बीडीओ ने कैंजरी की सूची से भी आवेदिका का नाम हटा दिया. जहां दशवें नंबर पर आवेदिका का नाम था दोबारा 19 अप्रैल को नये डीएम को आवेदन देकर उनके संज्ञान में मामला लाया गया तो डीएम ने तुरंत बीडीओ से फोन पर बात की. डीएम को बीडीओ ने बताया कि आवेदिका ने अपने नामांकन पर्चा में क्षेत्र संख्या 8 के बजाय 6 लिख दिया था.
आवेदिका के वकील अजिताभ सिन्हा ने डीएम को पंचायत चुनाव अधिनियम 2006 की धारा 41 की उपधारा 3 एवं आयोग के प्रशिक्षण अनुदेश का हवाला देते हुए कहा कि मतदाता सूची के क्रम संख्या या क्षेत्र संख्या लिखने में हुई लिपिकीय भूल को सुधारने का नियम और निर्देश है जिसका पालन निर्वाची पदाधिकारी ने नहीं किया है. डीएम ने अपनी विवशता जताते हुये कोर्ट जाने को कहा और अंततः मामला हाईकोर्ट पहुंच ही गया.
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