इस संदर्भ में एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर केके रंजन ने बताया कार्यस्थल पर पानी सूखने का काफी इंतजार किया गया. लेकिन नदी के जलस्तर में गिरावट के बावजूद नदी के बीच हुए मिट्टी का आच्छादन व उत्तरी छोर पर नदी के यू टर्न से हो रहे कटाव के कारण कार्यस्थल पर 8 मीटर से अधिक गहराई तक पानी बह रहा है. इसके कारण कार्य में परेशानी व विलंब हो रहा है. उन्होंने बताया कि कार्य स्थल तक 15 दिनों के अंदर एप्रोच पथ बना दिया जायेगा. एवं पहला पाया के निमार्ण के लिए बेल फाउंडेशन का कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा. बेल फाउंडेशन के दौरान कोई बाधा नहीं हुई हुई तो अप्रैल माह के अंत तक दोनों पाया का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा. विदित हो कि जब 29 अगस्त 2010 को पुल का पाया नंबर 17,18 धसा था.
अगर संभावित बाढ़ अवधि के पूर्व दोनों पाया का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया. तो बाढ़ अवधि के बाद फिर अक्टूबर में कार्य प्रारंभ कर दूसरे चरण के तहत पाया का रूफ व केबुल लगाने का कार्य किया जायेगा. हालांकि मरम्मति कार्य पूरा होने में लगभग दो वर्ष तक समय लग सकता है. बावजूद कार्य प्रारंभ होने से आवागमन के संकट झेल रहे लोगों में थोड़ी उम्मीद जगी है.