खगड़िया : खगड़िया को किसकी नजर लग गयी है. बात बात पर गोली चलना, आये दिन हो रही हत्याएं, मारपीट जैसे आपराधिक वारदातों ने लोगों का चैन छीन लिया है. चार दिन में चार अलग-अलग जगहों से महिला सहित चार शवों की बरामदगी ने लोगों को सकते में डाल दिया है.
इन घटनाओं में शामिल अपराधियों को पकड़ना, तो दूर पुलिस अब तक तीन शवों की पहचान तक नहीं कर पायी है. अब तो लोग यह कहना शुरू कर दिये हैं कि लगता है खगड़िया के अमन-चैन पर अपराधियों की काली छाया पड़ चुकी है.
हाल के दिनों में बढ़े आपराधिक वारदातों ने जिले में शांतिपूर्ण व भयमुक्त माहौल में चुनाव कराने के पुलिस प्रशासन के दावे पर प्रश्नचिह्न् खड़ा कर दिया है. लोगों का कहना है कि लगातार हो रही आपराधिक वारदातों से लगता है अपराधियों में वरदी का खौफ कम हो गया है.
हां पुलिस की कार्रवाई घटनास्थल पर पहुंच कर जांच तक ही सीमित होकर रह गयी है. पुलिस की कार्रवाई हत्या के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजना, घटना के बाद होने वाले जाम को हटाने के लिये जल्द ही अपराधियों के सलाखों के पीछे भेजने वाला झूठा आश्वासन देने तक ही सिमट कर रह गया है और लोग दहशत में जी रहे हैं.