खगड़िया: आठ सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार को आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका ने प्रखंड मुख्यालय स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया. संघ के अध्यक्ष मालिनी सिंह ने बताया कि यह धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन राज्य कमेटी के आह्वान पर राज्यव्यापी धरना-प्रदर्शन किया गया है. उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका से स्वास्थ्य विभाग द्वारा पोलियो अभियान के अलावा अन्य कार्य भी लिये जाते रहे हैं तथा आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका द्वारा वितरण किये जाने वाले पोषाहार का संचालन करने का जिम्मा जीविका संस्थान को देना अनुचित है.
उन्होंने बताया कि हरनौत नालंदा की आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका पर स्थानीय लोगों द्वारा साजिश के तहत मुकदमा को वापस लेना मुख्य मुद्दा है. इस मौके पर प्रखंड सचिव मनोरमा कुमारी, धर्मशीला कुमारी, शेखपुरा की रूपम कुमारी, निर्मला कुमारी, गीता कुमारी, मीनाक्षी, नीता, रंजना, श्वेता, अनिता आदि मौजूद थे. चौथम प्रतिनिधि के अनुसार, प्रखंड के आंगनबाड़ी सेविका सहायिका ने शुक्रवार को सीडीपीओ कार्यालय के समक्ष धरना दिया. आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं ने प्रदर्शन के दौरान कार्यालय के मुख्य द्वार पर तालाबंदी की व सीडीपीओ को घंटों बंधक बनाये रखा. आठ सूत्री मांगों के समर्थन में नारेबाजी भी की. आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका को गोवा सरकार की तर्ज पर मानदेय का भुगतान, सेवा का स्थायीकरण, सरकारी कर्मचारी का दर्जा, योग्यता के आधार पर प्रोन्नति देने व पोषाहार की राशि बाजार मूल्य पर देने की मांग की. सीडीपीओ ने आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को आश्वासन दिया कि मांग पर कार्रवाई के लिए विभागीय डीपीओ को भेजा जायेगा. धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व संघ के प्रखंड अध्यक्ष गौरा देवी, सचिव शांति देवी, कोषाध्यक्ष रानी कुमारी, संयोजक कमल चौरसिया, विजय सिन्हा मौजूद थे. अलौली प्रतिनिधि के अनुसार, राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के आह्वान पर शुक्रवार को समेकित बाल विकास सेवा परियोजना कार्यालय में प्रखंड की सेविका व सहायिकाओं ने धरना दिया. इस दौरान सीडीपीओ कार्यालय को बंद करवाया गया.
धरना की अध्यक्षता प्रखंड सेविका संघ की अध्यक्ष उषा कुमारी ने किया. उक्त अवसर पर अध्यक्ष ने बताया कि 10 नवंबर 2013 से ही जीविका संस्था के विरुद्ध नालंदा जिला के हरनौत प्रखंड की सेविका / सहायिका द्वारा किये जा रहे अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर व उनके समर्थन में धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया है. अध्यक्ष उषा कुमारी ने अपनी मांगों को गिनाते हुए बताया कि जीविका संस्था द्वारा प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार संचालन का कार्य वापस लिया जाय. छटनी की गयी सेविका व सहायिकाओं को वापस करने, युवा सरकार की तरह मानदेय व अतिरिक्त भत्ता लागू हो.
उक्त धरना प्रदर्शन को संघ की सचिव आशा कुमारी, चंदुला कुमारी, श्वेता कुमारी, रत्नमाला, फुलपरी, सुमित्र देवी, पार्वती देवी, हीरा कुमारी आदि ने संबोधित किया. अंत में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बाल विकास परियोजना पदाधिकारी लक्ष्मी रानी को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा. बेलदौर प्रतिनिधि के अनुसार, प्रखंड मुख्यालय परिसर में आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका ने आठ सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार को धरना दिया. प्रखंड क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं ने मांगों के समर्थन में सरकार के विरुद्ध जम कर नारेबाजी की. इससे पहले आंगनबाड़ी सेविका/सहायिकाओं ने जुलूस निकाल कर बाजार का भ्रमण किया. आठ सूत्री मांगों को लेकर नारेबाजी करते हुए प्रखंड कार्यालय परिसर पहुंची. प्रखंड परिसर पहुंचते ही आंगनबाड़ी सेविकाओं का जुलूस सभा में तब्दील हो गया. सभा में भाग ले रही स्थानीय मुखिया कुमारी बेबी रानी ने भी इनके मांगों को जायज ठहराते हुए हरसंभव सहयोग करने का आश्वासन दिया. इस मौके पर आंगनबाड़ी सेविका संघ की जिलाध्यक्ष प्रेमलता मिश्र, प्रखंड अध्यक्ष बिंदु देवी, सचिव उर्मिला देवी ने सभा को संबोधित कर सेविका-सहायिका की मांगों को पूरा करवाने के लिए संघर्ष करने का निर्णय लिया.