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सरकार ने शराब पर लगायी रोक तो आदतन शराबी पहुंच गये सीमा पार शराब पीने, कटिहार के कई प्रखंड पश्चिम बंगाल की सीमा पर हैं बसे, शाम होते ही शराबियों का लगता है जमघट

सरकार ने शराब पर लगायी रोक तो आदतन शराबी पहुंच गये सीमा पार शराब पीने, कटिहार के कई प्रखंड पश्चिम बंगाल की सीमा पर हैं बसे, शाम होते ही शराबियों का लगता है जमघट राज किशोर, कटिहारसरकार की शराबबंदी के बाद कटिहार जिले में लोगों ने शराब पीने के लिए अपना ठिकाना बदल दिया है. […]

सरकार ने शराब पर लगायी रोक तो आदतन शराबी पहुंच गये सीमा पार शराब पीने, कटिहार के कई प्रखंड पश्चिम बंगाल की सीमा पर हैं बसे, शाम होते ही शराबियों का लगता है जमघट राज किशोर, कटिहारसरकार की शराबबंदी के बाद कटिहार जिले में लोगों ने शराब पीने के लिए अपना ठिकाना बदल दिया है. बिहार में शराबबंदी के बाद लोगों को ठिकाना बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है. हालत यह है कि आदतन शराबी शराबबंदी के बाद बिहार की सीमा पार जाकर शराब पीने का लुत्फ उठा रहे हैं. बिहार से सटे पश्चिम बंगाल क्षेत्र के बाजारों में इन दिनों शराब की बिक्री में एकाएक इजाफा हो गया है. लोग वहां जाकर शराब भी पी रहे हैं और शराब अपने साथ ला भी रहे हैं. दरअसल कटिहार में बिहार व बंगाल की सीमा कई प्रखंडों को छूती है. कई ऐसे प्रखंड हैं, जहां के लोग तो कटिहार से मार्केटिंग करने के बजाय पश्चिम बंगाल से ही खरीदारी करते हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है कि बंगाल के बाजार नजदीक पड़ रहे हैं. बिहार में शराबबंदी के बाद यहां का पैसा बड़े पैमाने पर बंगाल पहुंच रहा है. आने-जाने पर कोई रोकटोक नहीं होने की वजह से लोग बंगाल जाकर शराब का आनंद ले रहे हैं तथा वहां से शराब लाकर बिहार में बेचने का काम भी जोर-शोर से शुरू हो गया है. ऐसे में बिहार सरकार की शराबबंदी पर असर पड़ने की संभावना जतायी जा रही है. गौरतलब हो कि जिले के अमदाबाद, बारसोई, आजमनगर, बलरामपुर, बलिया बेलौन, प्राणपुर प्रखंड पश्चिम बंगाल की सीमा क्षेत्र को टच करता है. इन प्रखंडों की कई पंचायतें व गांव सीमा से सटे हुए हैं. ऐसे में लोगों को बंगाल आने-जाने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है. अमदाबाद बंगाल व झारखंड की सीमा पर है स्थितअमदाबाद प्रखंड पश्चिम बंगाल व झारखंड की सीमा क्षेत्र पर बसा हुआ है. शराबबंदी के बाद यहां के ज्यादतर आदतन शराबी पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के रतवा थाना क्षेत्र के गोबरा बाजार में पीने का ठिकाना बना लिये हैं. चार से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोबरा में अमदाबाद से पीने वालों की फौज पहुंच रही है. खासकर शाम होते ही गोबरा बाजार में पीने वालों का मेला लग रहा है. यही स्थिति रतवा के महानंदा टोला की भी है. जबकि गंगा पार होकर झारखंड के सकरीगली पहुंचकर लोग भी शराब का लुत्फ उठा रहे हैं. जानकारों के अनुसार, झारखंड व बंगाल से बड़े पैमाने पर अवैध शराब बिहार पहुंच रही है, जिसे ऊंची कीमत में बेचा जा रहा है. इससे बिहार सरकार की शराबबंदी के फैसले को झटका लग सकता है. बलरामपुर प्रखंड से एक किमी की दूरी पर है बंगालजिले के अंतिम छोर पर बसे बलरामपुर प्रखंड मुख्यालय से महज एक किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम बंगाल का सोनीदिघी बाजार है. यहां आदतन शराबियों का जमघट शाम होते ही लगना शुरू हो जा रहा है. आदतन शराबी टहलते हुए बिहार की सीमा पार कर बंगाल की सीमा में प्रवेश कर शराब का मजा ले रहे हैं तथा बिहार लाकर बेच भी रहे हैं. यहां बारसोई, बलरामपुर सहित जिले के दूसरे प्रखंडों से भी लोग पीने के लिए पहुंचते हैं. अवैध शराब कारोबारियों का यह सेफ जोन माना जाता है, जबकि कचना रेलवे स्टेशन से उतरकर लोग बंगाल के झिकटिया बाजार भी शराब पीने के लिए पहुंच रहे हैं. झिकटिया बाजार शराब पीने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है कि रेल मार्ग से सुगम तरीके से कचना रेलवे स्टेशन उतर कर पांच मिनट में झिकटिया बाजार लोग पहुंच जाते हैं. मन भर पीने के बाद साथ शराब लेकर चले भी आ रहे हैं. बारसोई से सटा हैं पश्चिम बंगालपश्चिम बंगाल के मालदा जिला से सटे बारसोई प्रखंड के बेलवा, लगवा, आबादपुर, नलसर हैं, जबकि उत्तर दिनाजपुर, रायगंज से सटा चापाखोर, हरनोई, शिवानंदपुर, लगवा दास ग्राम, शिकारपुर, बिघोर, बसल गांव एवं करनपुर है. इन स्थानों पर शराबबंदी के बाद आदतन शराबी प्रतिदिन पहुंच कर शराब की भूख मिटा रहे हैं. सैकड़ों की संख्या में लोग दालकोला, रायगंज शराब पीने के लिए जा रहे हैं. इस दिशा में प्रशासन की ओर से चाह कर भी रोक लगाना मुश्किल है. चूंकि जाने के लिए किसी तरह का कोई रोक टोक नहीं है. लोग कह रहे हैं बिहार में न सही बंगाल में जाकर शराब पीयेंगे. इससे बिहार को तो नुकसान हो रहा है, लेकिन बंगाल का राजस्व बढ़ गया है. प्राणपुर के लाभा से कुमेदपुर पहुंच जा रहे लोगआदतन शराबी शराब पीने के लिए किसी भी जगह जाने को तैयार रहते हैं. इसके लिए उन्हें कितना भी जोखिम क्यों नहीं उठाना पड़े. प्रभात खबर के पड़ताल के दौरान पाया गया कि प्राणपुर के लाभा पारकर पश्चिम बंगाल के कुमेदपुर आदतन शराबी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. कुमदेपुर बाजार जाने वालों में आजमनगर एवं प्राणपुर प्रखंड के लोग शामिल है. कोई बाइक से जा रहा है, तो कोई पैदल ही पहुंच रहा है. कई लोगों ने नाम नहीं छापने पर बताया कि कटिहार में शराबबंदी संभव नहीं है. चूंकि बंगाल व झारखंड की सीमा क्षेत्र पर कटिहार बसा है, जहां कोई चौकसी नहीं है. ऐसे में लोग आराम से शराब लाकर कटिहार में बेचे कर लाभ कमा रहे हैं. कुछ दिन बाद यह धंधा परवान चढ़ जायेगा. क्या है उपाय सरकार ने सूबे में शराब पर पूरी तरह से रोक लगा दिया है, लेकिन कटिहार में यह रोक तभी लागू हो पायेगा, जब पुलिस, प्रशासन सीमा क्षेत्र पर चौकसी बढ़ायेगी. हर आने वाले लोगों की तलाशी लेने पर शराब पर रोक लग सकती है. चूंकि कई प्रखंड बंगाल की सीमा को छूते हैं. सभी स्थानों पर पुलिस बल के साथ मजिस्ट्रेट को प्रतिनियुक्त कर ही शराब के अवैध कारोबार को रोका जा सकता है.

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