इस संदर्भ में एमओ के बयान पर नगर थाना में आवेदन देने की प्रक्रि या चल रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गोदाम मालिक शंभु नायक व उसके भाई सच्चितानंद नायक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है. केंद्र व राज्य सरकार के निर्देश पर गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा योजना, अंत्योदय सहित जनवितरण प्रणाली के तहत गरीबों को सरकारी अनाज का वितरण के लिए मुहैया कराया जाता है, लेकिन यह अनाज उन लोगों को नहीं मिल कर कालाबजारियों के हाथों में चला जा रहा है.
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गोदाम से एफससीआइ के 1290 बोरा जब्त
कटिहार: शहर के नयाटोला स्थित शंभु नायक के गोदाम से सोमवार की शाम छापेमारी कर सरकारी खाद्यान्न का 1290 बोरा जब्त किया गया है. यह कार्रवाई डीएम प्रकाश कुमार व एसडीओ डॉ बिनोद कुमार के आदेश पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी अभिनव भास्कर, एमओ व नगर थाना पुलिस ने की है. अवैध रूप से बरामद सरकारी […]
कटिहार: शहर के नयाटोला स्थित शंभु नायक के गोदाम से सोमवार की शाम छापेमारी कर सरकारी खाद्यान्न का 1290 बोरा जब्त किया गया है. यह कार्रवाई डीएम प्रकाश कुमार व एसडीओ डॉ बिनोद कुमार के आदेश पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी अभिनव भास्कर, एमओ व नगर थाना पुलिस ने की है. अवैध रूप से बरामद सरकारी खाद्यान्न को डीएसओ के निर्देश पर एमओ ने एफसीआइ गोदाम के प्रबंधक के सुपूर्द कर दिया है.
कारगिल के नाम से मशहूर है धंधा
सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी को कारगिल का नाम दिया गया. बीते एक दशक पूर्व शहर के नया टोला में यह व्यवसायी काफी फल-फूल रहा था. जिस दौरान साइकिल पर सफर करने वाला व्यक्ति, पान दुकानदार या गोदाम में साइकिल चलाने वाले लोग कई ट्रक व ट्रैक्टर के मालिक बन गये. फिर सरकार बदली व सिस्टम बदला तो कुछ दिनों के लिए यह कारोबार बंद रहा . लेकिन प्रशासनिक अधिकारी व एफसीआइ के मिलीभगत से फिर यह कालाबाजारी का कारोबार जोर पकड़ लेता है.
कैसे होता है कारगिल का कारोबार
प्रशासनिक अधिकारी की लुंज-पूंज व्यवस्था व एफसीआइ की मिलीभगत से एफ सीआइ से माल लोड कर ट्रक को निकाला जाता है और अवैध खाद्यान्न की कालाबाजारी करने वाले लोगों के पास पहुंच जाता है. जहां मजदूर तैयार रहता है. माल ट्रक से अनलोड होते ही उसके शील को काट कर सरकारी बोरे से अनाज को बाहर कर देता है और बोरी को अविलंब उलटकर उसमें माल भर देता है, जिससे सरकारी अनाज की सभी निशानी समाप्त हो जाती है.
उठते हैं कई सवाल
सरकारी खाद्यान्न का नया टोला स्थित शंभु नायक के गोदाम से 1290 बोरा का बरामद होना एफसीआइ को भी सवालों के घेरे में खड़ा क रती है. आखिर सवाल यह उठता है कि सरकारी खाद्यान्न एफसीआइ गोदाम से किस प्रकार निजी गोदाम में ब्लैक मार्केटिंग के लिए पहुंच
दस गुणा होता मुनाफा
सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी में दस गुणा मुनाफा होता है तीन रुपये किलो का चावल 20 से 22 रुपये व दो रुपये किलो में मिलने वाली गेहूं में 14 से 17 रुपये में बेचते हैं. इससे सरकारी खाद्यान्न का कालाबाजारी करने वालों लाखों करोड़ों का मुनाफा कमाते हैं.
ट्रकों की होती है जांच
एफसीआइ गोदाम से लदी ट्रकों का कई स्थानों पर जांच होती है. सर्वप्रथम ट्रक में लदा माल किस प्रखंड व किस पंचायत का है. अगर जनवितरण प्रणाली की है तो वह भी जिक्र रहता है. सभी प्रक्रिया से गुजरने के बाद उस ट्रक या अन्य वाहन का मेन गेट पर भी जांच होती है तो फिर आखिर इतने जगह पर जांच होने के उपरांत भी किस प्रकार सरकारी खाद्यान्न गोदाम से कालाबाजारियों के पास पहुंच जाती है.
नया टोला बना धंधे का केंद्र
शहर के वार्ड नंबर 35 यानी नया टोला एक बार फिर चर्चा में आ गया है. सोमवार को यहां अवैध रूप से रखे गये 1200 बोरा सरकारी अनाज को प्रशासन ने जब्त किया है. नया टोला अवैध अनाज कारोबारियों का अड्डा पूर्व से ही बना हुआ है. इस धंधे में लिप्त लोग खाख पति से करोड़ पति बन बैठे हैं. प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद यहां अवैध कारोबार का सिलसिला नहीं रुक रहा है.
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