मनिहारी : बिहार सरकार ने पांच अगस्त 2019 को मनिहारी अनुमंडल के कुल 214.7 एकड़ भूमि गोगा बील झील को संरक्षण आरक्ष क्षेत्र घोषित किया है. इसके बाद गोगा बील झील के पर्यटन स्थल बनने की उम्मीद जगी है. ठंड के दिनों में यहां विदेशी पंक्षी विचरण के लिए आते है. पूर्व से गोगाबील झील में मछली मारने की बंदोबस्ती होती आ रही है.
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निरस्त हो झील की डाक बंदोबस्ती
मनिहारी : बिहार सरकार ने पांच अगस्त 2019 को मनिहारी अनुमंडल के कुल 214.7 एकड़ भूमि गोगा बील झील को संरक्षण आरक्ष क्षेत्र घोषित किया है. इसके बाद गोगा बील झील के पर्यटन स्थल बनने की उम्मीद जगी है. ठंड के दिनों में यहां विदेशी पंक्षी विचरण के लिए आते है. पूर्व से गोगाबील झील […]
मछवारों का नाव चलती थी. इससे विदेशो पंक्षी अपने आप को असुरक्षित महसूस करते है. अमदाबाद के जंगलाटाल पंचायत में सरकारी भूमि 73.78 एकड और स्थानीय ग्रामीणों की ओर से प्रदत्त 140. 29 एकड जमीन को गोगाबील झील संरक्षण आरक्ष क्षेत्र घोषित किया गया है. गोगा विकास समिति ने बिहार उपमुख्यमंत्री, प्रधान सचिव पर्यावरण एवं वन विभाग पटना, प्रमंडलीय पदाधिकारी, डीएम, डीडीसी, एसपी, जिला मतसय पदाधिकारी को पत्र भेजा है.
गोगा विकास समिति अध्यक्ष रामकृपाल कुमार, सचिव रामसुरेश यादव, कोषाध्यक्ष मुरलीधर यादव ने बताया कि गोगा बील झील क्षेत्र के परिस्थति एवं पक्षियों संबंधी विशेष महत्व है. बिहार सरकार ने गोगाबील झील को संरक्षण आरक्ष क्षेत्र घोषित किया है. इस अधिनियम के अंतर्गत गोगा बील झील में मछली मारना पूर्णतः निषेध और प्रतिबंधित है. यदि वर्ष 2019 / 20 के लिए संबंधित विभाग की ओर से इस झील की डाक कर दी गयी है.
तो उसे निरस्त करने की आवश्यक कारवाई करने की मांग की. उक्त अधिसूचना से संबंधित सूचना बोर्ड मनिहारी समेत जिले के रेलवे स्टेशन और प्रमुख सार्वजनिक स्थानो पर प्रदर्शित करने की मांग की. प्रशासन और गोगा विकास समिति अन्य स्वैच्छिक संस्थाओं तथा ग्रामीणों की संयुक्त निगरानी समिति का गठन करने की मांग जिला प्रशासन से की है.
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