मनसाही : थाना क्षेत्र के कुरेठा पंचायत के वार्ड संख्या सात पिंडा में सोमवार की सुबह गांव के ही आदिवासी समुदाय के लोगों ने निजी जमीन पर लाल झंडा खेत में गाड़ कर ट्रैक्टर से खेत जोत दिया. इस दौरान आदिवासियों ने इंकलाब जिन्दा बाद व सिकमी खतिया जिन्दा बाद का नारा लगाया. घटना की सूचना मिलते ही मनसाही थाना प्रभारी कृष्णा प्रसाद सिंह, मनसाही सीओ प्रभात कुमार घटनास्थल पर पहुंच कर आदिवासियों को भूमि जोतने से मना किया.
इस पर सभी लोग हो हल्ला करते हुए कहा कि हम लोगों का सिकमी खतिया में नाम दर्ज है. इसी कारण से हम खेत जोत रहे हैं. इधर घटना को लेकर पीड़ित मसोमात सपना देवी ने 27 जून 2017 को आरक्षी उपमहानिरीक्षक पूर्णिया, जिला पदाधिकारी कटिहार, अनुमंडल पदाधिकारी कटिहार, अंचल अधिकारी मनसाही, थानाध्यक्ष मनसाही को लिखित आवेदन देकर भूमि जोतने की आशंका को लेकर आवेदन दिया था. पर प्रशासन की ओर से किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गयी,
जिसका परिणाम यह रहा कि सोमवार को आदिवासी समुदाय के लोग बल पूर्वक कानून के खिलाफ में भूमि जोत दी. इस दौरान मनसाही सीओ प्रभात कुमार व थाना प्रभारी कृष्णा प्रसाद सिंह ने बताया कि यह तीन एकड़ 20 डिसमिल जमीन पर धारा 144 लागू रहने पर भी भूमि जबरदस्ती जोतने पर सभी लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. इधर पीड़िता मसोमात सपना देवी घटना के बाद मनसाही थाना में महेन्द्र उरांव, रघुनाथ उरांव व अन्य दर्जनों के विरोध में लिखित आवेदन देकर कारवाई करने की मांग की है. मसोमात सपना देवी ने बताया कि सन 2009 में सिकमी कह कर मनसाही अंचल में बंटाईदार का मुकदमा महेन्द्र उरांव व रघुनाथ उरांव ने दर्ज कराया था, जो मेरे कागजात को सही पाकर डिग्री मेरे पक्ष में लिया. उस घटना के बाद से मामला न्यायालय में आज तक चलते आ रहा है. मसोमात सपना देवी ने बताया कि इससे पूर्व यह भूमि मेरे मामा जितेन्द्र चक्रवर्ती के नाम से थी, जो 15 जुलाई 2009 को पावर ऑफ एटरनी मेरे नाम किया गया था. घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल है.