36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ब्रिटिश काल में बने डाकबंगले का अस्तित्व मिटने के कगार पर

कभी अपनी सुंदरता के लिए विख्यात था, अब जुआरियों का बना अड्डा कुदरा : एनएच दो से सटे अंगरेजों द्वारा निर्मित डाक बंगले का अस्तित्व मिटने के कगार पर है. रख-रखाव के आभाव में डाक बंगला गिरने के कगार पर है. चारो तरफ दीवारों में दरारें फट रही हैं. दरवाजे में लगे शीशे टूट चुके […]

कभी अपनी सुंदरता के लिए विख्यात था, अब जुआरियों का बना अड्डा
कुदरा : एनएच दो से सटे अंगरेजों द्वारा निर्मित डाक बंगले का अस्तित्व मिटने के कगार पर है. रख-रखाव के आभाव में डाक बंगला गिरने के कगार पर है. चारो तरफ दीवारों में दरारें फट रही हैं.
दरवाजे में लगे शीशे टूट चुके हैं. पानी निकासी नहीं होने के कारण डाक बंगला परिसर में पानी भरा रहता है. ब्रिटिश काल में बना डाक बंगला अंगरेज अफसरों के रहने के लिए बना था. अंग्रेज अफसर इसी बंगले में रहकर इलाके की गतिविधि की जानकारी लेते थे. डाक बंगले में अंगरेज अफसरों की कब्र भी बनी है, जिसका अस्तित्व देख-रेख के आभाव में अस्तित्व मिटने के कगार पर है.
बताया जाता है कि आजादी के बाद डाक बंगला का उपयोग सरकार के मंत्री व बड़े अधिकारी करने लगे. लगभग 1990 तक डाक बंगला का रख-रखाव सरकार द्वारा किया जा रहा था, तब तक डाक बंगला अपने सौंदर्य के लिए क्षेत्र में अपनी पहचान बनाये रखा. 1990 के बाद इस डाक बंगले पर जैसे ग्रहण लग गया व सरकारी उपेक्षा का शिकार बन गया.
डाक बंगला पीडब्ल्यूडी के कब्जे में आ गया. इस इमारत में सड़क निर्माण कंपनी ने अपना अलकतरा, रोड रोलर रख इसकी सुंदरता पर कालिख पोत दी.
वर्तमान में डाक बंगला जुआरियों व नशेड़ियो का अड्डा बना है. यहां असामाजिक तत्त्वों का जमावड़ा लगा रहता है. सीओ चंद्र शेखर सिंह ने बताया कि डाक बंगला के अस्तित्व को बचाने के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें