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परिवहन विभाग नहीं करता कार्रवाई !

परिवहन विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान गत रविवार की रात डीएम व एसपी के आदेश पर पकड़े गये थे 109 ओवरलोडेड ट्रक भभुआ (कार्यालय) : हाल के दिनों में एनएच दो पर ओवरलोडेड ट्रकों के खिलाफ शुरू हुई कार्रवाई पर नजर डालें तो यह बात सामने आती है कि जब डीएम व एसपी द्वारा […]

परिवहन विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान
गत रविवार की रात डीएम व एसपी के आदेश पर पकड़े गये थे 109 ओवरलोडेड ट्रक
भभुआ (कार्यालय) : हाल के दिनों में एनएच दो पर ओवरलोडेड ट्रकों के खिलाफ शुरू हुई कार्रवाई पर नजर डालें तो यह बात सामने आती है कि जब डीएम व एसपी द्वारा पहल कर एनएच दो पर ओवर लोडेड ट्रकों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है, तो सैकड़ों ओवरलोडेड ट्रक एनएच दो पर कुदरा से कर्मनाशा के बीच पकड़े जाते हैं. लेकिन, इसके लिए जवाबदेह परिवहन विभाग कभी भी इतनी बड़ी कार्रवाई अपने स्तर से पहल कर नहीं करता. ये सवाल परिवहन विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े करते हैं.
चार दिनों पहले जब समाचार पत्रों ने एनएच दो पर ट्रकवालों की मनमानी व उसके कारण लगने वाले महाजाम की खबर को प्रमुखता से छापा, तो डीएम व एसपी इस मामले को लेकर गंभीर हुए और तत्काल परिवहन व पुलिस विभाग को एनएच दो को जाम से मुक्त कराने के लिए ओवरलोडेड ट्रकों के खिलाफ अभियान चला कार्रवाई करने का निर्देश दिया. डीएम व एसपी के निर्देश का असर भी दिखा और महज 24 घंटे चले अभियान में कुदरा से कर्मनाशा के बीच एनएच दो पर 109 ओवरलेाडेड ट्रक पकड़े गये.
यही नहीं विधान सभा चुनाव को याद करें, तो इसी तरह की स्थिति उस समय भी एनएच दो पर उत्पन्न हुई थी और उस समय भी एसपी ने ओवरलोडेड ट्रकों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए कमर कसा था और उस समय भी करीब पांच सौ से ज्यादा ओवरलोडेड ट्रकों को पुलिस ने पकड़ कर जुर्माना किया था. इस दौरान ओवरलोडिंग को अपना अधिकार मान चुके ट्रक चालकों व इंट्री माफियाओं ने पुलिस पर पथराव व फायरिंग से लेकर सड़क जाम तक किया था. लेकिन, मजबूत इरादे के साथ स्थानीय पुलिस प्रशासन उनके सामने नहीं झुका और 500 ट्रकों से जुर्माना वसूल कर ही दम लिया.
इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि इसके लिए जवाबदेह परिवहन विभाग आखिर इन ओवरलेाडेड ट्रकों पर कार्रवाई क्यों नहीं करता. अगर इतनी बड़ी कार्रवाई के लिए परिवहन विभाग को अतिरिक्त पुलिस बल या अधिकारी की आवश्यकता होती है, तो परिवहन विभाग द्वारा क्यों नहीं डीएम व एसपी को पत्र लिख अभियान चलाने के लिए अतिरिक्त बल की मांग की जाती है.
हालांकि एसपी हरप्रीत कौर ने ओवरलोडिंग के खिलाफ कार्रवाई के बाबत अक्सर कहा है कि परिवहन विभाग को ओवरलोडिंग के खिलाफ अभियान के लिए जितने भी बल की आवश्कता होगी वह उपलब्ध करायी जायेगी, लेकिन परिवहन विभाग द्वारा ही कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण पुलिस को बाध्य होकर ओवरलोडिंग के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ती है.
उक्त सारे हालात को देखने के बाद परिवहन विभाग के कार्यशैली और मंशा पर साफ तौर पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर परिवहन विभाग ओवरलोडिंग के खिलाफ अभियान चलाने से क्यों कतराता है. हालांकि परिवहन विभाग के उपर इंट्री माफियाओं के साथ मिलीभगत का आरोप लगता भी रहता है.
गत दिनों इसी तरह की सूचना पर निगरानी विभाग ने चेकपोस्ट सहित परिवहन विभाग के चार ठिकानों पर छापेमारी की थी इस दौरान चेकपोस्ट से पांच लाख रुपये अतिरिक्त बरामद हुए थे, लेकिन इन सब के बावजूद ओवरलोडिंग का खेल अभी चेकपोस्ट व एनएच दो पर बंद या कम नहीं हुआ है.
इसका उदाहरण यह है कि चार दिनों पूर्व जब डीएम व एसपी द्वारा पहल की गयी तो सैकड़ों ओवरलोडेड ट्रक एनएच दो पर महज 24 घंटे के अभियान में 40 किलोमीटर की दूरी में पकड़ा गया, जबकि इस दौरान कई ट्रक चालक ट्रक लेकर भागने में सफल रहे.

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