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जगह-जगह बन रहे चेकपोस्ट
पहली अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाये जा रहे हैं. देसी शराब की पूर्ण बंदी को लेकर हर स्तर पर सख्ती से काम किया जा रहा है. कुल मिला कर सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन की इस योजना को लागू करवाने पर विशेष जोर […]
पहली अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाये जा रहे हैं. देसी शराब की पूर्ण बंदी को लेकर हर स्तर पर सख्ती से काम किया जा रहा है. कुल मिला कर सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन की इस योजना को लागू करवाने पर विशेष जोर है. वहीं, प्रशासन को भी पता है कि अप्रैल के बाद सरकार की इस व्यवस्था की राह भी पथरीली व कांटों से भरी है.
भभुआ (सदर) : जानलेवा देसी शराब के बंद होने में अब केवल चार दिन शेष रह गये हैं. एक अप्रैल से जिले में देसी शराब बिकनी बंद हो जायेगी. वहीं, अंगरेजी शराब भी शहर के चिह्नित चार स्थानों पर ही मिलेगी. सरकार के सात निश्चयों में एक को पहली अप्रैल से लागू करने की दिशा में कई कदम उठाये जा रहे हैं.
उत्पाद विभाग ने इसके लिए जहां प्रचार-प्रसार से लेकर छापेमारी तक में कोई असर नहीं छोड़ी है, वहीं पुलिस प्रशासन व जिले के आलाधिकारियों ने भी सरकार के इस दृढ़ निश्चय को लागू करवाने में हर संभव कोशिश कर रहे हैं. जिला पदाधिकारी राजेश्वर प्रसाद सिंह का कहना है कि सरकार ने तो अपने निर्णय से लोगों को अवगत करा दिया है. अब जिलावासियों से अपेक्षा है कि इस व्यवस्था में उनका भी सहयोग मिले.
31 मार्च से बंद हो जायेंगी शराब दुकानें
एक अप्रैल से सरकार द्वारा शराबबंदी लागू करने से एक दिन पूर्व ही सभी देसी व विदेशी शराब की दुकानें पूर्ण रूप से बंद हो जायेंगी. इस दिन ही सभी दुकानों का स्टॉक तैयार होगा और स्टॉक के अनुसार प्राप्त सभी देसी शराब को तत्काल नष्ट कर दिया जायेगा, जबकि विदेशी शराब का स्टॉक तैयार कर उसका ट्रांसफर कर दिया जायेगा.
बाद में दुकान के मालिकों को इसकी राशि चेक के माध्यम से भुगतान कर दी जायेगी. इस व्यवस्था के बाद से सार्वजनिक स्थानों पर पीने-पिलाने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जायेगी. यानी, सरकार द्वारा घोषित दुकानों के अलावा कहीं भी बरामद शराब को अवैध घोषित करते हुए आरोपित व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
केवल भभुआ शहर में ही चार जगहों पर मिलेगी अंगरेजी शराब
देसी शराब की बिक्री पर प्रतिबंधित लगने के बाद केवल अंगरेजी शराब की ही बिक्री होगी और वह भी भभुआ शहर के चिह्नित चार स्थानों पर.
एक अप्रैल से सरकार की एजेंसी बिहार स्टेट विवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड को शराब बिक्री की जिम्मेवारी होगी. फिलहाल, जिले में अभी 24 देसी व 22 विदेशी शराब की दुकानें हैं. पहली अप्रैल से केवल नगर थाना क्षेत्र के चार चिह्नित किये स्थानों पर ही शराब की दुकान खुलेंगी और सभी विक्रेताओं को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में कैशमेमो के साथ शराब मिलेगी. शराब के क्रय करने में भी सरकार द्वारा उसकी सीमा तय कर दी गयी है.
चप्पे-चप्पे पर निगरानी
शराब बिक्री पर निगरानी व नियंत्रण पर भी कड़ा पहरा रहेगा और चप्पे-चप्पे की निगरानी होगी. खास कर एक अप्रैल के बाद से यूपी सीमा क्षेत्र से लेकर अंतर जिला सीमा तक 24 घंटे निगरानी रहेगी.
अधौरा थाना क्षेत्र के सीमा से लगता यूपी का माची, खलियारी क्षेत्र से आनेवाले अवैध शराब पर विशेष चौकसी बरतनी पड़ सकती है. तीसरी आंख से भी नजर रखी जायेगी. यूपी सीमा से लगते चेकपोस्टों से आनेवाले वाहनों की जांच की जायेगी, ताकि तस्करी कर कोई भी शराब लेकर सीमा में न घुस पाये. इसके लिए प्रशासन द्वारा सीमा पर चेकपोस्ट भी बनाये जा रहे हैं.
शराब पीकर सड़क पर झूमे, तो पांच साल की सजा
पहली अप्रैल से सरकार द्वारा घोषित शराबबंदी के निर्णय के बाद अगर आप शराब पीकर सड़क पर झूमे, तो आपको पांच साल की सजा हो सकती है. इसके अलावा अर्थदंड भी झेलना पड़ सकता है.
वह अलग. नयी शराब नीति के तहत उत्पाद विभाग भी अब शराब के नये धंधेबाजों के साथ बड़े पियक्कड़ों की भी कुंडली बना रही है. नयी शराब नीति के तहत देसी शराब, मसालेदार और कंपोजिट शराब की बिक्री पूर्णत: बंद हो जायेगी. केवल अंगरेजी शराब की ही बिक्री होगी. वह भी जिला मुख्यालय के महज चार दुकानों में. उत्पाद निरीक्षक चंद्रदेव प्रसाद कहते हैं कि 22 जनवरी से अब तक 61 से अधिक अवैध शराब के धंधेबाजों को गिरफ्तार किया गया. पहली अप्रैल से बिक्री और इसको पीकर मचलने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.
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