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लोगों को लुभा रहे म्यूजिकल ग्रीटग्सिं कार्ड

लोगों को लुभा रहे म्यूजिकल ग्रीटिंग्स कार्ड सोशल मीडिया के दौर में भी नहीं हुआ महत्व कम प्रतिनिधि, भभुआ (नगर) सोशल मीडिया के दौर में सगे-संबंधियों को कार्ड के जरिये बधाई देने का क्रेज कम हो गया है. इस दौर में भी म्यूजिक कार्ड का क्रेज आज भी बना हुआ है. बाजार में कार्ड दुकानदारों […]

लोगों को लुभा रहे म्यूजिकल ग्रीटिंग्स कार्ड सोशल मीडिया के दौर में भी नहीं हुआ महत्व कम प्रतिनिधि, भभुआ (नगर) सोशल मीडिया के दौर में सगे-संबंधियों को कार्ड के जरिये बधाई देने का क्रेज कम हो गया है. इस दौर में भी म्यूजिक कार्ड का क्रेज आज भी बना हुआ है. बाजार में कार्ड दुकानदारों ने नव वर्ष के कार्ड से अपनी दुकाने सजा ली हैं. हालांकि, खरीदार अभी कम ही पहुंच रहे हैं. शुभकामना कार्ड की मांग आज भी जीवंत है. संचार क्रांति ने महज इसके प्रारुप को बदला है. युवाओं ने बताया कि इ-कार्ड हमलोगों के लिए काफी सुविधाजनक है. हालांकि, इससे बाजार प्रभावित हुआ है. लेकिन, पारंपरिक कार्ड को अभी भी सभी लोगों खरीदते हैं. इधर, कारोबारियों ने नगर के मुख्य बाजार में अपनी दुकानें सजा ली है. इसमें ब्रांडेड कंपनियों के कार्ड भी हैं. बाजार में पांच रुपये से लेकर तीन सौ रुपये तक के कार्ड उपलब्ध हैं. दुकानदारों ने कोलकाता, दिल्ली, पटना, बनारस आदि की मंडियों मंगाया है. वहीं, बाजार में अच्छे परफ्यूफ्म की गंध देनेवाले कार्ड भी उपलब्ध है. अब अधिकांश लोग फेसबुक, व्हाट्सअप व मेल से लोग अपने प्रियजनों को बधाई देते हैं. ग्रीटिंग्स कार्ड के माध्यम से अपनों को नव वर्ष की बधाई देने का प्रचलन काफी पुराना है. बताया जाता है कि 1843 ब्रिटिश सिविल कर्मचारी हेनरी कोल द्वारा व्यावसायिक स्तर पर इसे आरंभ किया गया था. लेकिन, 1860 में इसका प्रचलन काफी बढ़ गया और 1870 की दशक में इसे रंगीन चित्रावली के माध्यम से सजा कर बाजारों में बिक्री के लिए लाया गया.22. बाजारों में सजाये गये ग्रिटिंग कार्ड…………………………………………………………….

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