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असली की कीमत पर नकली की खपत

असली की कीमत पर नकली की खपत शहर में स्टील के नाम पर लोहे की पाइप की खपत जोरों पर प्रतिनिधि, भभुआ (नगर) फैशन के दौर में सामान की गारंटी ही नहीं, उसकी गुणवत्ता भी गायब होती जा रही है. खाद्य सामग्री से लेकर प्रसाधन व अन्य आवश्यक सामान में घालमेल से बाजार पटा पड़ा […]

असली की कीमत पर नकली की खपत शहर में स्टील के नाम पर लोहे की पाइप की खपत जोरों पर प्रतिनिधि, भभुआ (नगर) फैशन के दौर में सामान की गारंटी ही नहीं, उसकी गुणवत्ता भी गायब होती जा रही है. खाद्य सामग्री से लेकर प्रसाधन व अन्य आवश्यक सामान में घालमेल से बाजार पटा पड़ा है. चाहे कपड़ा का बाजार हो, दवा का या फिर लोहा या स्टील का.लोहा व स्टील को ही ले, तो शहर में स्टील के नाम पर लोहे की पाइप की खपत जोरों पर है. हद तो यह है कि आपूर्त्ति लोहे की पाइप की हो रही है और कीमत स्टील की वसूली जा रही है. पब्लिक क्या करे उन्हें तो दुकानदार जो समझाते हैं व उस पर विश्वास कर लेती है. ऐसे में पढे लिखे भी गच्चा खा जाते हैं. सूत्रों की मानें, तो यह धंधा बड़े पैमाने पर हो रहा है और इसकी जांच करनेवाला कोई नहीं है. हालांकि ऐसा नहीं है कि सारे लोग गलत तरीके से ही धंधा कर रहे हैं. लेकिन, ऐसा करने वालों की संख्या अधिक है. 800 में होता है 150 का कारोबार सूत्र बताते हैं कि 150 रुपये किलो बिकने वाले लोहे के पाइप को यहां पांच से आठ सौ रुपये प्रति फीट के दर से खपाया जा रहा है. इससे दुकानदार मालामाल हो रहे हैं और पब्लिक कंगाल. बनारस व बलिया में बनता है पाइप बताया जाता है कि सीमावर्ती क्षेत्र बनारस व बलिया में इसका कारोबार होता है. वहां लोहे की पाइप पर पॉलिश चढा कर उसे स्टील का रूप दे दिया जाता है और फिर बाजार में बेचने के लिए उतार दिया जाता है. सूत्र बताते हैं कि बनारस में 130 से 150 व बलिया में डेढ सौ से दो सौ रुपये प्रति किलो के हिसाब से यह पाइप मिलता है.कहां होता है इनका उपयोग सीढी, स्टेप रेलिंग, दरवाजा, खिड़की व मंदिरों के वार्ड रिंग आदि में इनका उपयोग लोग कर रहे हैं. लोग अच्छी कीमत देकर यह समझ कर इसकी खरीद करते हैं की वे स्टील का पाइप खरीद रहे हैं, लेकिन असल में वे लोहे की पाइप खरीद रहे होते हैं.10 प्रतिशत होता है स्टील बताया जाता है कि स्टील के रूप में बिक रहे इन पाइप में स्टील की मात्रा भी रहती है. लेकिन वह बहुत कम रहती है. जानकार बताते हैं कि इसमें 10 से 15 फीसदी ही स्टील रहता है. बाकी लोहा रहता है. इस तरह देखा जाये, तो लोहे के पाइप की बिक्री स्टील के रूप में यहां की जा रही है. क्या है पहचान जानकार बताते हैं कि स्टील पाइप में कभी भी वेल्डिंग नहीं हो सकता. दूसरे शब्दों में कहें तो स्टील की सीढी,स्टेप रेलिंग का निर्माण हो ही नहीं सकता. बताया जाता है कि इसमें वेल्डिंग रहने का सीधा मतलब यही होता है की उसमें लोहा है.ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा की इसके लिए लोगों को खुद जागरूक होना पड़ेगा. फोटो:-2.बाजार में बिक रहे पाइप

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