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चैनपुर में नहीं है डग्रिी कॉलेज, उच्च शक्षिा के लिए भभुआ बनारस का सहारा

चैनपुर में नहीं है डिग्री कॉलेज, उच्च शिक्षा के लिए भभुआ बनारस का सहारा उच्च शिक्षा के लिए स्टूडेंट्स को उठानी पड़ती है परेशानीप्रतिनिधि, चैनपुर (कैमूर) प्रखंड क्षेत्र में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है़ उच्च शिक्षा के लिए स्टूडेंट्स को भभुआ या मोहनिया जाना पड़ता है़ सरकार व जनप्रतिनिधियों द्वारा अक्सर बड़े-बड़े वादे किये […]

चैनपुर में नहीं है डिग्री कॉलेज, उच्च शिक्षा के लिए भभुआ बनारस का सहारा उच्च शिक्षा के लिए स्टूडेंट्स को उठानी पड़ती है परेशानीप्रतिनिधि, चैनपुर (कैमूर) प्रखंड क्षेत्र में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है़ उच्च शिक्षा के लिए स्टूडेंट्स को भभुआ या मोहनिया जाना पड़ता है़ सरकार व जनप्रतिनिधियों द्वारा अक्सर बड़े-बड़े वादे किये जाते हैं. लेकिन, ये वादे धरातल पर कहीं दिखाई नहीं पड़ते. क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को इंटरमीडिएट के बाद स्नातक की शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ता है. सबसे ज्यादा छात्राओं को होती है परेशानी चैनपुर क्षेत्र के स्टूडेंट्स को उच्च शिक्षा के लिए भभुआ व बनारस जैसे शहरों की ओर जाना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी लड़कियों को होती है. लड़कियों को चैनपुर से आगे की पढ़ाई के लिए बस में धक्का-मुक्की करते भभुआ जाना पड़ता है. किसान व मजदूर बहुल क्षेत्र होने के कारण लड़कियों के अभिभावक रोजाना किराये देने में असमर्थ होते हैं. इससे कई लड़कियों की पढ़ाई बीच में ही छूट जाती है. स्कूल हुए अपग्रेड, पर शिक्षकों की कमी क्षेत्र में शिक्षा के सुधार के लिए कई मध्य विद्यालयों को उच्च विद्यालय व इंटरमीडिएट में उत्क्रमित किया गया, फिर भी शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं हो पाना चिंताजनक है. स्कूलों को अपग्रेड तो कर दिया गया, पर शिक्षकों की कमी बरकरार है़ इन स्कूलों को अपग्रेड किये जाने के बाद एडमिशन भी शुरू हो गया. लेकिन, शिक्षकों की कमी को पूरा नहीं किया गया. क्षेत्र के स्कूलों में आज भी विषयवार टीचरों का घोर अभाव है. स्कूलों में शिक्षकों व संसाधनों का अभाव शिक्षा के गिरते स्तर के प्रमुख कारकों हैं. क्या कहते हैं अभिभावक व छात्र बेटियों को पढ़ाई के लिए भभुआ भेजना पड़ता है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से हमेशा चिंतित रहते हैं. श्याम बाबू चौरसिया, अभिभावक स्कूलों में शिक्षकों व संसाधनों की कमी के कारण बच्चों को अपेक्षित शिक्षा नहीं मिल पाती है. कमलेश चौरसिया, अभिभावक डिग्री कॉलेज नहीं होने के कारण आर्थिक व मानसिक दोनों तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शिक्षा में सुधार के लिए प्रखंड में डिग्री कॉलेज होना बहुत जरूरी है.विवेक अग्रहरी, छात्र……………….फोटो………………8.श्याम बाबू चौरसिया, कमलेश चौरसिया, विवेक अग्रहरी……………………………………..

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