अस्पताल आये मरीजों को न तो बैठने की उचित सुविधा है और नहीं पेयजल की कोई सुदृढ़ व्यवस्था. इस भीषण उमस भरी गरमी में अस्पताल के अधिकारी व कर्मचारी जहां कुलर व एसी का मजा ले रहे हैं वहीं ओपीडी या इमरजेंसी में आये मरीजों के लिए पंखे की हवा भी नसीब नहीं हो रही है. ऐसा भी नहीं है कि अस्पताल में पंखे नहीं लगे हैं. पंखे लगे हैं परंतु पंखे की हवा अस्पताल आये मरीजों तक नहीं पहुंच पा रही है.
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सदर अस्पताल में मरीज बेहाल
भभुआ (सदर): भीषण गरमी व सदर अस्पताल की कुव्यवस्था से मरीज और चिकित्सक भी इन दिनों परेशान हैं. सदर अस्पताल के अधिकारियों व कर्मचारियों की उदासीनता से सरकार द्वारा प्राप्त मूलभूत सुविधाओं का लाभ न तो अस्पताल में इलाज के लिए आये मरीजों को मिल पा रहा है न ही चिकित्सकों को. प्रतिदिन सदर अस्पताल […]
भभुआ (सदर): भीषण गरमी व सदर अस्पताल की कुव्यवस्था से मरीज और चिकित्सक भी इन दिनों परेशान हैं. सदर अस्पताल के अधिकारियों व कर्मचारियों की उदासीनता से सरकार द्वारा प्राप्त मूलभूत सुविधाओं का लाभ न तो अस्पताल में इलाज के लिए आये मरीजों को मिल पा रहा है न ही चिकित्सकों को. प्रतिदिन सदर अस्पताल में चार सौ से पांच सौ मरीज इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचते हैं, परंतु उन्हें दवा और चिकित्सा सुविधा के अलावा कुछ भी सुविधा अस्पताल प्रबंधन की ओर से नहीं मिल पा रही है.
10 दिनों से खराब है फिल्टर: अस्पताल की कुव्यवस्था और अधिकारियों की उदासीनता का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है. सदर अस्पताल के चिकित्सक पानी खरीद कर अपनी प्यास को बुझा रहे हैं. सदर अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में ड्यूटी करने के लिए चिकित्सकों के लिए बने रेस्ट रूम में वाटर फिल्टर तो लगा है. परंतु, पिछले दस दिन से वह बंद पड़ा है, जिसके चलते चिकित्सकों को या तो अपने घर से पानी लेकर आना पड़ रहा है या फिर खरीद कर उन्हें प्यास बुझानी पड़ रही है. सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ विनोद कुमार व डॉ राणा प्रताप सिंह कहते हैं कि 10 दिन पूर्व ही अस्पताल प्रबंधक को वाटर फिल्टर खराब होने और उसकी मरम्मत करवाने को कहा गया है. परंतु, दस दिन से ज्यादा हो गये अभी तक वाटर फिल्टर की मरम्मत नहीं करायी गयी.
गरमी से मरीज परेशान
सदर अस्पताल के अधिकारी व कर्मचारी इस भीषण गरमी में तो कुलर का मजा ले रहे हैं. परंतु, अस्पताल में इलाज के लिये आये मरीज को कुलर तो दूर पंखे की हवा भी नहीं मिल रही है. मरीज गरमी से परेशान रह रहे हैं. अस्पताल का ओपीडी हो या इमरजेंसी हर जगह कमोबेश एक जैसा हाल है. ओपीडी व इमरजेसी मे कहीं-कहीं पंखे लगे तो हैं, परंतु वह भी केवल दिखावे के लिए. क्योंकि पंखे की चाल इतनी कमजोर हैं कि उसकी हवा मरीजों तक नहीं पहुंच पा रही है. जबकि, अधिकारियों व कर्मियों के कमरों में 24 घंटे कुलर चलते रहता है.
टेलीमेडिसिन सेंटर में पानी भी नहीं
ओपीडी विभाग के ऊपरी तल पर अवस्थित टेली मेडिसिन सेंटर का नल भी पिछले कई महीनों से पानी देना बंद कर दिया है. टेली मेडिसिन में कार्यरत कर्मी जांच सहित अन्य कार्यो के लिए बाहर से पानी ला रहे हैं. इस मेडिसिन सेंटर में ऑनलाइन व पैथोलॉजी दोनों जांच कराने की सुविधा है. परंतु, पानी नहीं हैं. मेडिसिन सेंटर के कर्मचारी अस्पताल प्रबंधन से कई बार गुहार लगा चुके हैं. मेडिसिन सेंटर के यूनिट ऑपरेटर अनिल गुप्ता कहते हैं कि गुहार लगाने के साथ-साथ कई बार आवेदन के माध्यम से अस्पताल उपाधीक्षक व प्रबंधक को सूचना भी दी गयी है. परंतु, महीना बीत गये अभी तक पानी की व्यवस्था नहीं की जा सकी.
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