चोरी में मंदिर के कर्मचारियों के हाथ होने की आशंका : एसपी
एक सुरक्षा गार्ड हिरासत में
भगवानपुर/भभुआ (कार्यालय) : मुंडेश्वरी मंदिर में चोरी की खबर मिलने के बाद मीटिंग में पटना गये एसपी एसके नायक आनन-फानन में एक बजे मुंडेश्वरी धाम पहुंचे. आते ही उन्होंने मंदिर के अंदर व बाहर चारों तरफ बारीकी से जांच की. उसके बाद वहां सुरक्षा में तैनात पुरातत्व विभाग के दोनों गार्ड व पुजारियों से अलग-अलग पूछताछ की.
पूछताछ व प्रथम दृष्टया जांच के बाद एसपी ने बताया कि चोरी की घटना में मंदिर के अंदर के लोग यानी यहां के कर्मचारियों का हाथ होने की आशंका है. उन्होंने कहा कि चोर सीढ़ी द्वारा मुख्य गेट से मंदिर परिसर में आये हैं. ये बातें जांच में स्पष्ट हो गयी है. साथ ही यहां सुरक्षा में तैनात गार्डो की भूमिका भी संदेहास्पद है. इसलिए, सुरक्षा में तैनात दो गार्डो में से एक को हिरासत में लिया गया है.
एसपी ने बताया कि मैं लगातार घटनास्थल पर कैंप कर रहा हूं. उक्त घटना को गंभीरता से लिया गया है. जल्द ही चोरों की गिरफ्तारी होगी.
शरबत की दुकान तक पहुंचा डॉग स्कवाड : डेहरी से डॉग स्कवाड की टीम करीब तीन बजे मुंडेश्वरी धाम पहुंची. इसके बाद खोजी कुत्ते को मौके से बरामद पैंट सुंघाया गया. खोजी कुत्ता मंदिर परिसर से नीचे सीढ़ी के पास मुख्य द्वार पर शरबत की दुकान तक गया. बार-बार प्रयास के बाद भी वह वहां से आगे नहीं गया.
चोरों ने की भटकाने की कोशिश : चोरी के बाद मंदिर की स्थिति को देखने पर डीएम ने बताया कि चोरों ने दिग्भ्रमित करने की कोशिश की है. घटना स्थल से जो लोहा काटने वाला ब्लेड बरामद किया गया है उसे एक भी बार उपयोग नहीं किया गया है. साथ ही पश्चिम दरवाजे के चैनल गेट में जितना फैलाया गया है.
उसमें एक व्यक्ति का प्रवेश करना संभव नहीं है. उसी तरह से बच्चे के हाथ पैंट रख कर जांच को भटकाने की कोशिश की गयी है.
पहले भी मंदिर में हो चुकी है चोरी : 1966 में मंदिर स्थित शिवलिंग की चोरी की गयी थी, जिसे ग्रामीणों के सहयोग से कैमूर पहाड़ी से ही बरामद कर लिया गया था. उक्त चोरी में एक चोर को न्यायालय द्वारा सजा भी दी गयी है. वहीं, एक वर्ष पूर्व पश्चिम दरवाजे के पास से लोहा काटने वाली आरी, हथौड़ी, सलाई रिंच , पिलास व अन्य समान बरामद किये गये थे. यहीं नहीं, मंदिर के रास्ते में उक्त पहाड़ी पर स्थित संग्रहालय से महत्वपूर्ण मूर्तियों की चोरी हुई थी.
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल : चोरी की घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. पुरातत्व विभाग द्वारा मंदिर की सुरक्षा में आठ-आठ घंटे के लिए तीन गार्ड तैनात किये गये हैं. मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा दिये जाने वाले दान व अति प्राचीन मंदिर की सुरक्षा में रात में महज एक गार्ड की तैनाती ही की गयी है. मंदिर की सुरक्षा में कोई पुलिस बल तैनात नहीं है.
क्या कहते हैं पुरातत्व पदाधिकारी : पुरातत्व पदाधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि मंदिर में कई बार चोरी के प्रयास किये गये हैं. मंदिर परिसर के चारों तरफ चहारदीवारी नहीं है. यह सुरक्षा में बहुत बड़ी कमी है. स्थानीय प्रशासन चाहे तो सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात कर सकता है.
चोरी की घटना सुन पहुंचे जनप्रतिनिधि : मुंडेश्वरी मंदिर में चोरी की घटना आग की तरह पूरे जिले में फैल गयी. पूर्व सांसद जगदानंद सिंह, जदयू नेता आलोक सिंह, जिला पर्षद अध्यक्ष के प्रतिनिधि बनारसी सिंह, स्थानीय मुखिया, उप प्रमुख अजय शंकर पांडेय, मुंडेश्वरी विकास परिषद के सदस्य हरिशंकर सिंह, डॉ रामेश्वर सिंह सहित कई लोग मुंडेश्वरी धाम पहुंच गये. वहीं, दर्शन करने आये कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने मंदिर के बाहर से ही पूजा-अर्चना की. उन्होंने चोरों को जल्द पकड़ने की मांग की.