।। राकेश/मैनुद्दीन ।।
मोहनिया/कर्मनाशा : एनएच–दो पर 110 किलोमीटर के अंदर लगे तीन–तीन टोल प्लाजा सवालों के घेरे में आ गये हैं. बिना छह लेन बनाये ही मोहनिया–वाराणसी व सासाराम के पास छोटे–बड़े वाहनों से लाखों रुपये की प्रतिदिन वसूली 12 सितंबर 2011 से हो रही है. जबकि बीओटी के तहत एनएचएआइ का सोमा आइसोलेक्स से करार होना बताया जा रहा है.
यानी रोड बना कर पथकर की वसूली करनी है. लेकिन, बिना रोड बनाये ही छह लेन के नाम पर 3 अरब, 30 करोड़, 59 लाख, 32 हजार, 434 रुपये मई 2013 तक 21 माह के अंतराल में तीनो टोल प्लाजा से वसूल किये जा चुके हैं. जबकि अब तक 20 प्रतिशत भी छह लेन का काम नहीं हुआ है.
इस रोड से गुजरने वाले प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल व मुख्यमंत्री सहित वीआइपी को छोड़ कर सबको टोल टैक्स देकर ही आगे बढ़ना पड़ता है. छोटे–बड़े वाहनों के लिए अलग–अलग रेट निर्धारित है. सूचना के अधिकार के तहत पत्रांक संख्या 11015/5 पीडी वाराणसी ने 11 जनवरी 2013 को जो सूचना दुर्गावती निवासी ठाकुर मल्लाह को उपलब्ध करायी है, उसमें साफ–साफ कहा गया है कि बीओटी के तहत सोमा आइसोलक्स से करार हुआ है.
पत्रांक 11015/5 में पीडी वाराणसी ने पांच जून-2013 को जो सूचना दी, उसमें छह लेन का निर्माण एनएचबीटी–पांच के अंतर्गत मॉडल कनेक्शन के तहत रियायतकर्ता मेसर्स सोमा आइसोलक्स के द्वारा टोल डिटरप्रिमेशन अधिनियम-2008 के अंतर्गत निहित प्रावधानों के तहत बताया जा रहा है.
इधर, छह लेन की वसूली सड़क बनने से पहले करने का खुलासा होते ही स्थानीय ग्रामीणों व चालकों में आक्रोश है. ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि छह लेन सड़क बनी ही नहीं, 21 माह से वसूली कैसे शुरू हुई. यह एक गंभीर मामला है जनता की गाढ़ी कमाई बरबाद हो रही है.
समाज सेवा से जुड़े आरटीआइ कार्यकर्ता ठाकुर मल्लाह का कहना है कि जनहित का यह मामला डीएम के जनता दरबार में लगाने के बाद मामला उच्च न्यायालय में दायर किया जायेगा.