17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नहीं लगी किराया सूची, ठगे जा रहे यात्री

लापरवाही. यात्री बसों व सवारी वाहनों में परिवहन विभाग के नियमों का हो रहा उल्लंघन बसों में महिला व दिव्यांग यात्रियों के बैठने के लिए सीटें आरक्षित नहीं डीजल के दाम में उतार-चढ़ाव के बावजूद नहीं बदलते किराये भभुआ सदर : यूपी व पटना सहित अन्य मार्गों पर चलनेवाली यात्री बसों व सवारी वाहनों में […]

लापरवाही. यात्री बसों व सवारी वाहनों में परिवहन विभाग के नियमों का हो रहा उल्लंघन
बसों में महिला व दिव्यांग यात्रियों के बैठने के लिए सीटें आरक्षित नहीं
डीजल के दाम में उतार-चढ़ाव के बावजूद नहीं बदलते किराये
भभुआ सदर : यूपी व पटना सहित अन्य मार्गों पर चलनेवाली यात्री बसों व सवारी वाहनों में परिवहन विभाग के नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है या यूं कहें की नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही हैं, जहां बसों में महिला व दिव्यांग यात्रियों के बैठने के लिए सीटें आरक्षित रखने की शर्त पूरी न करते हुए यात्री बसें बेखौफ दौड़ रही हैं.
वहीं, रफ्तार से दौड़नेवाली इन यात्री बसों में किराया सूची व सवारी वाहनों में फस्ट एंड बॉक्स तक की भी सुविधा नहीं हैं. इसके अलावे बसों व यात्री वाहनों के आगे-पीछे व साइडों से रेडियम पट्टी का भी अभाव है. जबकि, इन नियम का उल्लंघन करनेवालों पर मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 86 के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है.
कभी-कभार होती है कार्रवाई परिवहन कार्यालय कभी-कभार कुछ बसों, ट्रकों सहित सवारी वाहनों की जांच कर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन करनेवालों पर कार्रवाई तो करता है.
लेकिन, परिवहन विभाग द्वारा केवल जुर्माना लगा कर छोड़ दिया जाता है. इसलिए एक्ट का पालन पूरी तरह नहीं हो पा रहा है. जैसे वाराणसी, पटना, सासाराम, डेहरी, बक्सर आदि मार्गों पर करीब सैकड़ों बसें चल रही हैं. लेकिन, किसी भी बस में अंदर बाहर दूरी के हिसाब से किराया सूची नहीं लगायी गयी है और ना ही किसी यात्री बस में एक भी सीट महिला व दिव्यांग यात्री के लिए आरक्षित है.
परिवहन विभाग का आदेश बेअसर परिवहन विभाग के मुताबिक सीट आरक्षित करने के मामले में अभी तक किसी बस पर कार्रवाई नहीं की गयी है.
जबकि, बसों में सफर करनेवाली महिलाओं को कई बार लंबी यात्रा भी खड़े-खड़े करनी पड़ती है. परिवहन विभाग से जारी आदेश में सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को दिव्यांग व महिला यात्रियों को सफर के दौरान सीट उपलब्ध रहने, किराया सूची लगाने, रेडियम पट्टी लगाने आदि के निर्देश दिये गये थे. लेकिन मुख्यालय के निर्देश पर कहां तक अमल हो रहा है. इसका उदाहरण आवागमन कर रही बसों में कभी भी देखा जा सकता हैं. हैरत यह है कि अब तक एक भी जांच नहीं हुई और न किराया का निर्धारण हुआ है. अब भी बस मालिकों द्वारा मनमाना वसूली का खेल जारी है.
यात्री वाहनों के नियम
मोटरयान अधिनियम के तहत बस में आगे छह सीट महिलाओं व एक सीट दिव्यांग के लिए आरक्षित रखने का प्रावधान है. वह भी गेट के ठीक सामने वाली सीटों का है.
यह नियम बसों को जारी परमिट की कंडिका छह-सात में स्पष्ट रूप से दरशाया गया है, जिसमें किराया सूची गेट के अंदर व बाहर गेट के साइड से लगाना जरूरी है. साथ ही बस के अंदर इमरजेंसी फस्ट एंड बॉक्स जिसमें आवश्यक दवाएं रखना, इमरजेंसी गेट व दो गेट यात्रियों के चढ़ने उतरने के लिए लगाना आवश्यक है. साथ ही बस के आगे-पीछे व साइडों से रेडियम पट्टी लगाना अनिवार्य है.
महिलाएं खड़े होकर न करें सफर, कंडक्टर से मांगें सीट
जबकि, नियम की अनदेखी करनेवाले बसों के संचालकों पर मोटरयान अधिनियम की धारा 86 के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है.
लेकिन, दिव्यांग व महिला यात्री शिकायत नहीं करती, जिसके कारण बसों पर कार्रवाई नहीं हो पाती. महिलाएं बस कंडक्टर से कह कर आरक्षित सीटों पर बैठने के लिए बाध्य कर सकती हैं. सीट खाली नहीं कराने पर इसकी शिकायत आरटीओ या पुलिस को कर सकती है. लापरवाही व मिलीभगत से नियम ताक पर असुविधा का सामना करती महिला यात्रियों व दिव्यांग यात्रियों को घंटों होती फजीहत को देख कर ऐसा लगता है कि परिवहन विभाग के आदेश का कोई मान्यता नहीं है और न प्राइवेट बस संचालकों पर परिवहन कानून लागू होता है.
बस मालिकों व क्षेत्रीय परिवहन कर्मियों की लापरवाही व मिलीभगत के चलते बनाये गये नियम ताक पर हैं. जबकि, लाइसेंस जारी करते समय फाइल में सभी नियम शर्तों का कागजी पालन किया जाता है. किराया सूची नहीं लगाने से मनमाना किराया भी कंडेक्टर वसूल कर लेते हैं, जिससे यात्रियों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है.
उदाहरण स्वरूप एक से डेढ़ महीने पहले प्राइवेट बसों से वाराणसी जाने का किराया 70 रुपये था. लेकिन, इधर कुछ दिनों से भाड़ा प्रति यात्री 80 रुपया कर दिया गया है. भाड़ा बढ़ाने के पीछ बस मालिकों व बस के कंडक्टरों का तर्क होता है कि सरकार ही जब डीजल का दाम बढ़ा रही है तो भाड़ा क्यों नहीं बढ़ेगा. लेकिन, इधर सरकार द्वारा भी डीजल के दामों में अच्छी खासी कमी की गयी है. लेकिन, भाड़ा अब भी उसी प्रकार उगाहा जा रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें