जहानाबाद : हम नहीं सुधरेंगे. कुछ इसी तर्ज पर टेंपो चालकों की मनमानी जारी है. पूरा स्टेशन परिसर दिन भर ऑटो चालकों के कब्जे में रहता है. स्थिति ऐसी हो जाती है कि पूरे स्टेशन परिसर में टेंपो की भरमार रहने और बेतरतीब ढंग से वाहन खड़ा किये जाने से यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी […]
जहानाबाद : हम नहीं सुधरेंगे. कुछ इसी तर्ज पर टेंपो चालकों की मनमानी जारी है. पूरा स्टेशन परिसर दिन भर ऑटो चालकों के कब्जे में रहता है. स्थिति ऐसी हो जाती है कि पूरे स्टेशन परिसर में टेंपो की भरमार रहने और बेतरतीब ढंग से वाहन खड़ा किये जाने से यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. लोग सहम कर आवाजाही करने पर विवश हैं.
यह स्थिति आज कोई नयी नहीं है बल्कि लंबे समय से टेंपो चालक स्टेशन परिसर को अपनी गिरफ्त में रखा हुआ है. इस पर नियंत्रण करने की दिशा में रेल पुलिस भी पूरी तरह निष्क्रिय साबित हो रही है. परिणाम यह है कि प्रतिदिन सुबह छह बजे से रात्रि दस बजे तक आने जाने वाले यात्री जद्दोजहद के बीच स्टेशन परिसर से गुजरने को मजबूर हैं.
प्रवेश व निकास द्वार भी रहता है जाम : वैसे तो स्टेशन परिसर में वाहन पार्किंग की व्यवस्था है. जिसका एरिया निर्धारित है. पार्किंग की घेराबंदी की गयी है लेकिन इसके बावजूद भी काफी संख्या में टेंपो स्टेशन परिसर के पूरे क्षेत्र में लगा दिया जाता है. इतना ही नहीं टेंपो के अलावा चारपहिया बड़े वाहन भी स्टेशन कैंपस में लगातार खड़ा किया जाता है. स्थिति ऐसी हो जाती है
कि परिसर का मार्ग भी पूरी तरह से वाहनों के कारण भरा रहता है. स्टेशन का प्रवेश और निकास द्वार टेंपो चालकों की मनमानी के कारण जाम रहता है. ट्रेन के आने पर यात्रियों को बिठाने की होड़ में चालक दोनों द्वार को इस कदर जाम कर देते हैं कि यात्रियों को बाहर निकलना या प्लेटफार्म पर जाना मुश्किल हो जाता है. कई यात्रियों की ट्रेन छूट जाती है. इसके अलावा स्टेशन के बाहर एनएच 83 पर भी टेंपो चालकों की मनमानी से जाम लग जाता है. इस स्थिति को सुधारने की दिशा में रेल पुलिस और ट्रैफिक पुलिस पूरी तरह से नाकाम है.
झगड़ा करने पर हो जाता है उतारू : शहर में तकरीबन पांच सौ नगर सेवा टेंपो का परिचालन होता है. इसके अलावा चार सौ से अधिक पियाजिओ टेंपो स्टेशन और काको मोड़ एवं बस पड़ाव के समीप से खुलती है जो जिले के ग्रामीण इलाकों तक जाती है. नगर सेवा टेंपो का परिचालन स्टेशन परिसर, काको मोड़ से लेकर कोर्ट एरिया व समाहरणालय तक होता है.
इतनी संख्या में टेंपो का परिचालन तो होता है जिसमें कई ऐसे चालक है जो रंगरूट प्रवृत्ति का है. बेतरतीब ढंग से वाहन लगाने और नाहक जाम की स्थिति उत्पन्न करने से मना करने पर चालक यात्रियों से झगड़ा कर बैठता हैं. ऐसी हालत में कुछ टेंपो चालकों की लोगों ने पिटायी भी की है. इन सारी स्थितियों से निबटने और स्टेशन परिसर को चालकों की मनमानी से मुक्त कराने के लिए जरूरत है.
रेल व यातायात पुलिस के द्वारा ठोस कार्रवाई करने की.
रेलवे परिसर में खड़ा टेंपो.