मेनू के अनुसार नहीं मिल रहा खाना 200 से अधिक विद्यालय हैं किचेनविहीन साफ -सफाई का भी नहीं रखा जाता है ध्यानकिचेन निर्माण के लिए इस वर्ष नही आई है राशि फोटो-2से 6तक इंट्रो: स्कूलों बच्चों की उपस्थित बढ़ाने के उद्देश्य से एमडीएम का संचालन किया जा रहा है. जिले के कुल 900 स्कूलों में यह योजना चलाया जा रहा है. एमडीएम को लेकर अनेक तरह की शिकायतें सुनने को मिलती है कभी अनाज खत्म होने की शिकायत तो कभी राशि उपलब्धता तो कहीं मेनू का पालन नहीं होने की शिकायतें.जबकि आधिकारिक स्तर पर सब कुछ ठीक-ठाक होने की बात कही जाती है.जहानाबाद(नगर). विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति तथा उनका ठहराव सुनिश्चित करने के लिए मध्याह्न भोजन योजना का संचालन किया जाता है . जिले में इस योजना का संचालन तो करीब सभी विद्यालयों में कराया जा रहा है . लेकिन बच्चों को मेनू के अनुसार खाना नहीं मिल पा रहा है. जिन विद्यालयों में खाना पक भी रहा है वहां के कुछ बच्चे भूखे रह जा रहे हैं . जिले में 900 विद्यालय हैं . सभी विद्यालयों में एमडीएम योजना चलाया जा रहा है. लेकिन इस योजना के लाभ से कुछ बच्चे वंचित भी रह जा रहे हैं . हालांकि सरकारी स्तर पर योजना की माॅनीटरिंग युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. सभी विद्यालयों से प्रतिदिन मोबाइल के माध्यम से रिर्पोट भी प्राप्त किया जाता है. फिर भी ग्रामीण इलाके के स्कूलों में इस योजना की खानापूर्ति ही हो रही है.200 से अधिक स्कूलों में किचेन की व्यवस्था नहीं:जिले के 200 से अधिक विद्यालयों मे किचेन की अब तक व्यवस्था नहीं है . ऐसे में इन विद्यालयों में खुले में या फिर वर्ग कक्ष में ही खाना पकाया जाता है . विद्यालय को प्राप्त खाद्यान्न या तो शिक्षक कक्ष में रखा जाता है या फिर विद्यालय प्रधान अपने घर पर खाद्यान्न रखते हैं . जिन विद्यालयों में रसोई घर की व्यवस्था है वहां साफ-सफाई की कमी की शिकायतें भी हमेशा मिलती रहती है . रसोई घर खाद्यान्न से भरा रहता है ऐसे में खाना पकाने के लिए खुले जगहों का भी उपयोग किया जाता है . इस वर्ष किचेन निर्माण के लिए नही मिली है राशि : वित्तीय वर्ष 2015-16 में जिले को किचेन निर्माण के लिए कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है . ऐसे में किचेन विहिन विद्यालयों में किचेन निर्माण होना संभव नहीं दिखता है . पूर्व के वर्षो में सरकार द्वारा किचेन निर्माण के लिए 1लाख 44 हजार की राशि विद्यालयों को दिया जाता था . वहीं कुछ स्कूलों में किचेन सह भंडार कक्ष निर्माण के लिए 2 लाख 44 हजार की राशि भी उपलब्ध करायी गयी थी . लेकिन इस वर्ष राशि प्राप्त नहीं होने के कारण किचेन निर्माण के लिए किसी भी विद्यालय को राशि उपलब्ध नहीं कराया गया है . क्या है मेनू – सोमवार – चावल, दाल , हरी सब्जी मंगलवार – जीरा चावल , आलू सोया की सब्जी बुधवार – खिचड़ी -चोखा जिसमें हरी सब्जी डाला हो गुरूवार – चावल ,दाल , हरी सब्जी शुक्रवार – पुलाव , छोला और सलाद शनिवार – खिचड़ी -चोखा जिसमें हरी सब्जी डाला हो रविवार – पुलाव , छोला और सलाद क्या कहतें हैं बच्चे- विद्यालय में खाना बना था लेकिन चावल खत्म हो जाने के कारण भोजन नहीं मिल रहा है . अक्सर ऐसा होता है: रानी कुमारी खाना खत्म हो जाने के कारण कई बच्चे भोजन से वंचित रह गये हैं . शिकायत करने पर भी खाना नहीं मिला : अमृता कुमारी विद्यालय में खाना बनता है लेकिन मेनू के अनुसार कभी खाना नहीं बनता है . पीने का पानी भी नहीं मिलता है : निशु कुमारी किचेन में साफ-सफाई का घोर अभाव है . गंदगी के बीच खाना पकाया जाता है . साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता है . – रागणी कुमारी क्या कहते हैं अधिकारी : जिले में एमडीएम की स्थिति सामान्य है . कुछ विद्यालयों में मेनू का पालन नहीं किया जाता है ऐसे विद्यालयों में निरीक्षण के दौरान चखनी पंजी में इस संबंध में टिप्पणी लिखा जाता है . सभी विद्यालयों में खाद्यान्न एवं राशि उपलब्ध है : रौशन आरा , डीपीओ एमडीएम
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मेनू के अनुसार नहीं मिल रहा खाना
मेनू के अनुसार नहीं मिल रहा खाना 200 से अधिक विद्यालय हैं किचेनविहीन साफ -सफाई का भी नहीं रखा जाता है ध्यानकिचेन निर्माण के लिए इस वर्ष नही आई है राशि फोटो-2से 6तक इंट्रो: स्कूलों बच्चों की उपस्थित बढ़ाने के उद्देश्य से एमडीएम का संचालन किया जा रहा है. जिले के कुल 900 स्कूलों में […]
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