जहानाबाद (नगर) : महापर्व छठ को लेकर शहर के चौक चौराहे एवं गांव की गलियां पूरी तरह भक्तिमय हो चुकी है. ब्रह्मांड में एक मात्र होने वाले इस शाश्वत सत्य पर्व को सभी लोग अपने अपने अंदाज में मना रहे हैं. पर्व को लेकर शहर को पूरी तरह सजाया गया है. सतरंगी रोशनी से सराबोर […]
जहानाबाद (नगर) : महापर्व छठ को लेकर शहर के चौक चौराहे एवं गांव की गलियां पूरी तरह भक्तिमय हो चुकी है. ब्रह्मांड में एक मात्र होने वाले इस शाश्वत सत्य पर्व को सभी लोग अपने अपने अंदाज में मना रहे हैं. पर्व को लेकर शहर को पूरी तरह सजाया गया है. सतरंगी रोशनी से सराबोर शहर की विहंगम छटा देखते ही बन रही है.
खास कर शहर के गोरक्षणी देवी मंदिर छठ घाट, काको छठ घाट, दक्षिणी, धराउत ,मखदुमपुर समेत दर्जनों जगह के छठ घाटों को व्रतियों के लिए आकर्षक तरीके से सजाया गया है. साथ ही स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा छठ घाटो की सफाई भी की गयी है,ताकि अर्घ देने आये व्रतियों को कोई परेशानी न हो. हर कोई इस पर्व में हाथ बंटाकर व्रतियों की सुविधाओं का ख्याल रख रहा है. दूसरी ओर पर्व को लेकर शहर के बाजारों में भी रौनक बढ़ गयी है.
लोगों ने जम कर खरीदारी की है. फुटपाथी दुकानों से सजे बाजार में लोग जम कर खरीदारी कर रहे हैं. कोई अपने मोहल्ले की साफ-सफाई में व्यस्त है तो कोई छठ घाटों पर स्नान के लिए समुचित जल की व्यवस्था कर रहा है. ध्वनि विस्तार यंत्र से निकलने वाले छठ मइया के गीत से पूरा वातावरण गूंजायमान हो रहा है.
कांच ही बांस के बहंगिया जैसे गीतों के बिना छठी मईया की पूजा अधूरी: भागवान भास्कर और छठी मईया के इस पावन पर्व में लोगों की अटूट श्रद्धा होती है. ऐसे में पवित्रता और कड़े नियमों के साथ किये जाने वाले इस कठिन व्रत में छठ व्रती छोटी छोटी बातों का भी खासा ध्यान रखते हैं.पर्व की महत्ता को लेकर व्रतियों के मन में डर भी समाया रहता है कि भूल से कोई गलती,चूक न हो जाये.
तामम तैयारियों के बीच इस पावन पर्व में चार चांद लग जाता है छठ के भोजपूरी और लोक गीतो से. और , गीत जब शारदा सिन्हा के हों तो ऐसा लगता है जैसे छठी मइया सचमुच जनमानस के प्रति सहाय हो उठी हैं. मारवउ रे सुगवा धनुष से …… , अमरूदिया के पात पर उगहो सुरूज देवा…, कांच ही बांस के बहंगिया …. छठ के इस पावन अवसर पर सुबह होते ही घर घर में यह गीत सुनाई पड़ रहे हैं.
भोजपुरी एवं लोक भाषाओं में मालनी अवस्थी, कल्पना, देवी, भरत शर्मा व्यास ,और अनुराधा पोडवाल सहित कई कलाकारों ने छठ के कई गीत गाये लेकिन शारदा सिन्हा के गीतों की मधुरता और खनक सबसे निराली है.