जहानाबाद (नगर) : विगत दो माह से नहीं हो रहा उपभोक्ता कोर्ट का नियमित संचालन , जिसके कारण उपभोक्ताओं को न्याय मिलने में विलंब हो रहा है, साथ ही उन्हें बगैर न्याय के लौटना पड़ रहा है. सूत्र कहते हैं कि उपभोक्ता संरक्षण फोरम का कोरम पूरा नहीं होने से कोर्ट का संचालन बाधित है .फोरम के सदस्यों की बहाली नहीं होने के कारण कोरम पूरा नहीं हो पा रहा है.
उपभोक्ता संरक्षण फोरम में प्रतिमाह 15 से 20 मामले आते जरूर हैं, लेकिन न्याय के लिए पहुंचे उपभोक्ताओं की यहां भी परेशानी से पीछा नहीं छूटता .अब तो यहां इनकी शिकायत भी सुनने वाला कोई नही . न्याय की आस लिए पहुंचे उपभोक्ताओं की उम्मीद उपभोक्ता फोरम के दरवाजे तक पहुंचते -पहुंचते टूट जाती है .
बदहाल उपभोक्ता संरक्षण फोरम में नियमित कर्मी भी नहीं हैं . संविदा पर बहाल कर्मियों के सहारे किसी तरह चलता है उपभोक्ता फोरम . हालांकि कर्मियों की कमी नहीं है, लेकिन फोरम के सदस्यों की बहाली नहीं होने के कारण ही उपभोक्ताओं को ज्यादा परेशानी हो रही है . सेवा में त्रुटि से संबंधित शिकायत करते हैं उपभोक्ता :जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम में शिकायत लेकर आने वाले उपभोक्ता सेवा में त्रुटी से संबंधित या फिर सही सामान नही मिलने से संबंधित शिकायत करते हैं .
फोरम में बैंक , बीमा सेवा , चिकित्सा सेवा आदि से संबंधित अधिकांश शिकायतें आती है . वहीं मोबाइल ,कम्प्युटर आदि सामान सही नहीं मिलने से संबंधित शिकायतें भी उपभोक्ताओं द्वारा फोरम में की जाती है . उपभोक्ता संरक्षण फोरम द्वारा शिकायतों की सुनवाई के उपरांत उन्हें न्याय दिलाया जाता है . कई समस्याओं से जुझ रहे कर्मी :जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम में कार्यरत कर्मी कई तरह की समस्याओं से जुझ रहे हैं . कार्यालय में बिजली -पानी की व्यवस्था नहीं रहने के कारण कर्मियों के समक्ष पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है . वहीं कार्यालय का भवन भी पुराना हो जाने से जर्जर हाल में है .
कर्मचारियों को बैठने के लिए भी जगह नहीं मिल पाता है. यहां अपनी समस्या लेकर आने वाले उपभोक्ताओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. स्थानीय गांधी मैदान में संचालित उपभोक्ता फोरम के कार्यालय के बाहर बाउंड्री नहीं होने की वजह से लोग कार्यालय अवधी में भी कार्यालय के सामने वाहन पार्क कर देते हैं.
जिसके कारण उपभोक्ता फोरम में काम करने वाले कर्मचारियों को काफी परेशानी होती है. कंटीजेंसी के अभाव में जरूरी स्टेशनरी खरीदने में भी कर्मियों को परेशानी झेलना पड़ रहा है . प्रतिमाह 15 से 20 मामले होते हैं दर्ज :उपभोक्ताओं द्वारा उपभोक्ता संरक्षण फोरम में प्रतिमाह 15 से 20 मामले दर्ज कराये जाते हैं . सभी मामले सेवा में त्रुटी तथा सही सामान नहीं मिलने से संबंधित होती है . संरक्षण फोरम द्वारा प्रतिमाह 12 से 15 मामले का निष्पादन भी किया जाता है .
हालांकि विगत दो माह से सदस्यों की बहाली नहीं होने के कारण कोर्ट का संचालन नहीं हो रहा है , जिससे मामले का निष्पादन ठप है . सदस्य के नहीं रहने के कारण फैसला लंबित है जिससे उपभोक्ता भी फोरम में आने से परहेज करते हैं .