किसानों में छायी मायूसी
रतनी (जहानाबाद) : लगातार दो वर्षो से सुखाड़ की मार ङोल रहे अमैन गांव के किसानों को अबतक नलकूप से चालू नहीं कराया जा सका है. सरकार की घोषणा के बावजूद अब तक बंद पड़े नलकूप को चालू नहीं कराये जाने के कारण किसानों में काफी मायूसी छायी हुई है.
अमैन गांव स्थित गुरुदर्द, मोहनपुर, पश्चिमी महिला का आलमपुर में चार -चार नलकूप वर्ष 1971 में लगाये गये थे. उस समय के तत्कालीन मुखिया के अथक प्रयास के कारण विश्व बैंक के सहयोग से उक्त सभी जगह नलकूप लगाया गया था. ग्रामीणों का कहना है कि जिस समय नलकूप लगाया गया था उस समय इन गांवों में पैदावार अच्छी होने लगी थी तथा किसान खुशहाल हो रहे थे.
लेकिन, महज चार साल बाद ही नलकूप बिजली के अभाव में बंद हो गया था, तब से आज तक इन नलकूप को चालू कराने के प्रयास तो दूर आज तक विभाग से किसी ने इसकी सुधी लेने भी नहीं पहुंची. इसके कारण ये नलकूप सिर्फ शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. सूखाड़ में जब सूबे की सरकार बंद पड़े नलकूप को चालू कराने की घोषणा की, तो ग्रामीणों में खुशी देखने को मिल रही थी.
लेकिन, घोषणा के बावजूद अब तक विभाग द्वारा इसे चालू कराने का कोई प्रयास नहीं किये जाने के कारण किसानों में आक्रोश साफ झलकता है. ग्रामीणों की मानें, तो एक नलकूप की क्षमता तीन सौ पच्चीस एकड़ जमीन की सिंचाई करने की थी. लेकिन, यहां बिजली रहने के बावजूद मामूली खराबी के कारण इसे चालू नहीं कराया जा सका है. अगर नलकूप को चालू करा दिया जाता तो किसानों को कृषि कार्य में काफी सहूलियत मिलती है.