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जल्द ही रोपवे निर्माण का कार्य शुरू होगा

रमेश कुमार, मखदुमपुर : जिले के ऐतिहासिक धरोहर एवं जिले की पहचान बनी प्रखंड क्षेत्र के वाणावर की वादियों को तारणहार का इंतजार है. वादियों में राज्य सरकार ने कई योजनाओं स्वीकृति तो दे दिया, लेकिन इसका निर्माण नहीं हो सका है. राज्य सरकार ने तीन वर्ष पूर्व 16 नवंबर 2016 को वाणावर पहाड़ पर […]

रमेश कुमार, मखदुमपुर : जिले के ऐतिहासिक धरोहर एवं जिले की पहचान बनी प्रखंड क्षेत्र के वाणावर की वादियों को तारणहार का इंतजार है. वादियों में राज्य सरकार ने कई योजनाओं स्वीकृति तो दे दिया, लेकिन इसका निर्माण नहीं हो सका है.

राज्य सरकार ने तीन वर्ष पूर्व 16 नवंबर 2016 को वाणावर पहाड़ पर रोपवे निर्माण की स्वीकृति दी थी. रोपवे निर्माण के लिए लगभग 24 करोड़ रुपये का प्राकलन भी बनवाया था. पर्यटन मंत्री समेत कई मंत्री पूर्व में हुए वाणावर महोत्सव में रोपवे निर्माण की बात कहते आ रहे हैं.
वर्ष 2018 में पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने महोत्सव के दौरान रोपवे निर्माण के लिए प्रथम क़िस्त के रूप 12 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा भी किया था, लेकिन नतीजा सिफर रहा. हालांकि अधिकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रोपवे निर्माण के लिए पहाड़ों का सर्वे, एनओसी राज्य सरकार को भेजा जा चुका है. जल्द ही रोपवे निर्माण में कार्य शुरू होगा.
आधी लाइट हुई बेकार, नहीं देती रोशनी : वाणावर को आकर्षित करने के लिए सूबे की सरकार ने मुस्सी मोड़ से गऊघाट तक सड़क किनारे एलइडी लाईट तो लगाया , पर लगी लाइट सड़क पर रोशनी नहीं बिखेर पाई. आधे से अधिक लाइट खराब हो गयी है. हाल में जिला प्रशासन ने मरम्मत कराया है लेकिन आधे से अधिक लाइट रोशनी नहीं बिखेर रही है.
ऐतिहासिक स्थल के साथ हो रहा खिलवाड़ : स्थानीय विधायक सूबेदार दास ने बताया कि सरकार वाणावर के विकास के साथ खिलवाड़ कर रही है. हमारे महागठबंधन के सरकार में रोपवे निर्माण की स्वीकृति तीन साल पूर्व में ही दे दिया था, जो वर्तमान सरकार पूरा नहीं कर पायी है. वाणावर का पूरा मामला विधानसभा में भी उठाया जाएगा.
बंद हो गया नौका विहार, बाल उद्यान हुए बेकार
सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पहाड़ी इलाके में नौका विहार की शुरुआत करायी थी, लेकिन पानी की अभाव एवं उचित रखरखाव नहीं होने के कारण पिछले 17 वर्षों से बंद है. तालाब में केवल जीर्ण-शीर्ण हालत में बोट दिखाई देता है बच्चों के मनोरंजन के लिये बना बाल उद्यान भी रखरखाव के अभाव में बंद हो गये. बाल उद्यान में केवल कांटेदार झाड़ियां ही दिखाई देती हैं.
इस वर्ष कम लक्ष्य के बावजूद अभी तक धान खरीद की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. इस वर्ष रैयत और गैर रैयत दोनों तरह के किसानों से खरीदारी की जाएगी. साधारण धान के लिए समर्थन मूल्य 1815 रूपये प्रति क्विंटल तथा ग्रेड ए धान के लिए 1835 रूपये की दर निर्धारित की गयी है

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