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नहीं शुरू हो सकी है धान की खरीद

जहानाबाद : जिले में नवंबर के दूसरे सप्ताह से ही धान के फसल की कटाई शुरू हो गयी है लेकिन अब तक सरकारी स्तर पर धान की खरीद नहीं शुरू होने से किसानों में घोर मायूसी छायी है. किसानों का कहना है कि 15 नवंबर से खरीफ फसल के बाद गेहूं की बुआई शुरू हो […]

जहानाबाद : जिले में नवंबर के दूसरे सप्ताह से ही धान के फसल की कटाई शुरू हो गयी है लेकिन अब तक सरकारी स्तर पर धान की खरीद नहीं शुरू होने से किसानों में घोर मायूसी छायी है. किसानों का कहना है कि 15 नवंबर से खरीफ फसल के बाद गेहूं की बुआई शुरू हो जाती है. 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक गेहूं की बुआई करने पर उत्पादन की दर ऊंची होती है. इस कारण अधिकांश किसान धान की कटाई शुरू कर रबी फसल के लिए खेतों की तैयारी में जुट गये हैं.

गेहूं की बुआई के लिए बीज, खाद एवं सिंचाई में काफी लागत लगती है. किसान धान की बिक्री कर उससे प्राप्त रूपयों को पुराने कर्जे और नयी फसल के लिए लागत के रूप में प्रयोग करते हैं लेकिन इस वर्ष दिसंबर आधा बीत जाने के बावजूद अभी तक धान की खरीद को लेकर कोई कवायद नहीं दिख रही है. जिले में पैक्स के माध्यम से किसानों का धान क्रय किया जाता है.
इस बार पैक्स में चुनाव प्रक्रिया जारी रहने के कारण धान की खरीद शुरू करने में एक माह विलंब हो गया है जिसके कारण किसान खुले बाजार में औने-पौने दामों पर धान बेचने को मजबूर हैं. किसान रंधीर कुमार, नागेंद्र सिंह, बैकुंठ कुमार, सुरेंद्र शर्मा सहित कई किसानों ने बताया कि गेहूं के बीज, उर्वरक आदि खरीदने के लिए धान को 1200-1400 रूपये क्विंटल के कम दाम पर बेचने को मजबूर होना पड़ा.
50 हजार मीटरिक टन है जिले की धान खरीद का लक्ष्य : विभाग द्वारा इस वर्ष 50 हजार मीटरिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है जिसके लिए 69 पैक्स का चयन किया गया है. पिछले वर्ष 89 पैक्स में 5667 किसानों द्वारा करीब 77 हजार मीटरिक टन धान की खरीद किसानों और राइस मिलों से की गयी थी जिसमें घोसी में 10, हुलासगंज में 9, जहानाबाद में 12, काको में 16, मखदुमपुर में 20, मोदनगंज में 7 और रतनी-फरीदपुर में 10 केंद्र बनाये गये थे.

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