जहानाबाद : हर रोज कुकुरमुत्ते की तरह शहर में फैल रहे निजी विद्यालयों का छात्रावास विद्या का मंदिर है या यातना गृह! यह तय कर पाना अभी मुश्किल है. आखिर ऐसा क्यों? इस सवाल का जवाब सुन कर आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे.
घटना जिला मुख्यालय के काको मोड़ स्थित क्लाइमेक्स पब्लिक स्कूल का है, जहां छात्रावास में ही रहनेवाले आठ वर्षीय बालक को पिछले एक हफ्ते से स्कूल के संचालक बेड़ियों में जकड़ कर रखे हुआ था. उस मासूम का महज इतना कसूर था कि वह विद्यालय के छात्रावास में खुद को असहज महसूस करता था और उसकी मासूमियत तथा माता-पिता से अनायास ही बिना बताये वह अपने घर चला जाया करता था.
उस मासूम को क्या पता था कि इतनी छोटी सी भूल उसके खिलते-मुस्कुराते बचपन को नरक बना देगी और जहां जिसके पास उसके माता-पिता ने उसकी जिंदगी संवारने के लिए सौंपा, वह जगह उसके लिए विद्या का मंदिर न होकर यातना-गृह बन जायेगा. गौरतलब है कि पटना जिले के धनरूआ थाना क्षेत्र के बुधलामचक निवासी कक्षा-2 का छात्र रमेश कुमार, जिसकी उम्र महज आठ साल है.
उसके माता-पिता ने बेहतर शिक्षा के लिए काको मोड़ बसस्टैंड स्थित उक्त विद्यालय में दाखिला कराया, लेकिन इसका हश्र सर्वविदित है. घटना के एक हफ्ते बीत जाने के बाद किसी तरह उक्त छात्र के सहपाठियों के माध्यम से इसकी सूचना जिला प्रशासन तक पहुंची.
इसके बाद जिलाधिकारी द्वारा इसकी जांच की जिम्मेवारी डीसीएलआर को दी गयी. डीसीएलआर ने मामले की जांच के बाद घटना को सत्य पाते हुए इस संबंध में अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपा. मामले को जब उजागर होता देख संचालक सुगन यादव बच्चे को बेड़ियों से छुड़ा कर अपने साथ लेकर फरार हो गया.
डीएम ने कहा कि स्कूल संचालक के खिलाफ चलेगा स्पीडी ट्रायल. उन्होंने यह भी कहा कि कार्रवाई के लिए रिपोर्ट की कॉपी एसपी को भेज दी. स्कूल के संचालक पर स्पीडी ट्रायल के साथ मुकदमा भी चलेगा.
– मृत्युंजय कुमार –